नई दिल्ली/पटना, देशज टाइम्स। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें भूमि के बदले नौकरी घोटाले (Land for Job Scam) में और बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को अदालत को सूचित किया कि उसे लालू यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की राष्ट्रपति से आवश्यक मंजूरी मिल गई है।
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राष्ट्रपति मुर्मू ने दी अभियोजन की अनुमति
8 मई 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने धनशोधन (Money Laundering) मामले में लालू यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी। यह मंजूरी दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197(1) (नवीन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218) के तहत दी गई है। इस अनुमति के बाद अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 23 मई 2025 की तारीख तय की है।
ED ने दायर किया है आरोपपत्र, अब कोर्ट में सुनवाई
ईडी के अनुसार, लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए 2004-2009 के बीच रेलवे में भर्ती के बदले लोगों से भूमि हड़पी थी।2023 और 2024 में ईडी दो आरोपपत्र दाखिल कर चुका है, जिसमें लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती, बेटी हेमा यादव और सहयोगी अमित कत्याल के नाम हैं। दो निजी कंपनियों – AK Infosystems Pvt Ltd और AB Exports Pvt Ltd का भी घोटाले में नाम सामने आया है।
CBI की FIR पर आधारित है ED की जांच
ईडी की कार्रवाई CBI द्वारा दर्ज की गई FIR पर आधारित है, जिसमें आरोप है कि लालू यादव ने रेलवे में ग्रुप D पदों पर नियुक्तियों में भ्रष्टाचार किया। जांच एजेंसियों के अनुसार, नौकरी पाने वालों से दिल्ली व अन्य शहरों में जमीनें नाम मात्र की कीमत पर ली गईं।
क्या कहते हैं जानकार?
कानूनी जानकारों का मानना है कि राष्ट्रपति से अभियोजन की अनुमति मिलने के बाद अब लालू यादव पर मुकदमे की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगी। यह मामला न केवल राजनीतिक रूप से संवेदनशील है, बल्कि आने वाले लोकसभा चुनावों में भी बड़ा मुद्दा बन सकता है।