AES in Muzaffarpur | Chamki Bukhar | Acute Encephalitis Syndrome Bihar | AES Cases 2025| क्या फिर दोहराएगा 2019 जैसा संकट? फिर लौटा ‘चमकी बुखार’ का डर! मुजफ्फरपुर में 5 साल का प्रिंस और लड्डू चपेट में@अब तक 24 मामले।
मुजफ्फरपुर में फिर लौटा ‘चमकी बुखार’, 24 बच्चों में पुष्टि, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर
ग्रामीण इलाकों में बढ़ रहा चमकी बुखार का असर – प्रशासन अलर्ट मोड में। अगर बच्चों को दिखें ये लक्षण, तुरंत अस्पताल ले जाएं! चमकी बुखार को हल्के में न लें@दीपक कुमार, देशज टाइम्स।
दो नए बच्चों में AES की पुष्टि, कुल मामले पहुंचे 24
बुधवार, देशज टाइम्स – मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (AES) ने एक बार फिर दस्तक दे दी है। जिले में दो नए बच्चों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) की पुष्टि हुई है,
जिसके बाद कुल मामलों की संख्या 24 हो गई है। 21 मामले मुजफ्फरपुर से, शेष तीन मामले सीतामढ़ी, गोपालगंज, शिवहर से आया है।
दोनों बच्चे अब स्वस्थ, समय पर इलाज बना जीवनरक्षक
सकरा प्रखंड के पांच वर्षीय प्रिंस कुमार, कांटी प्रखंड के लड्डू कुमार को तेज बुखार होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थिति बिगड़ने पर दोनों को श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया, जहां जांच में AES की पुष्टि हुई। उन्हें पीकू वार्ड में भर्ती कर तत्काल इलाज शुरू किया गया। अच्छी खबर – अब दोनों बच्चे स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क, संसाधनों की कोई कमी नहीं
डॉ. गोपाल शंकर सहनी, शिशु रोग विशेषज्ञ के अनुसार:
“बच्चों को समय पर इलाज मिला, जिससे उनकी जान बचाई जा सकी।
अस्पतालों में आवश्यक दवाइयां और उपकरण उपलब्ध हैं।”
AES Control Room (24×7) – सदर अस्पताल, मुजफ्फरपुर, गांव-गांव निगरानी टीमों की तैनाती। जागरूकता अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय है।
लक्षण दिखें तो तुरंत अस्पताल ले जाएं – डॉक्टरों की चेतावनी
डॉक्टर्स की सलाह: बच्चों को उबला हुआ पानी पिलाएं। घर की साफ-सफाई रखें। मच्छरों से बचाव के उपाय करें। लक्षण दिखें तो देर न करें: तेज बुखार, उल्टी, झटके, बेहोशी, डायरिया की स्थिति में ORS और तरल पदार्थ दें।
DM ने दिए कड़े निर्देश, सभी प्रखंड सतर्क रहें
जिलाधिकारी के निर्देश: सभी प्रखंड स्तर पर मुस्तैदी से निगरानी करें। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी पूरी रखें। अस्पतालों में स्टाफ ड्यूटी तय कर दी गई है।
पिछले वर्षों की त्रासदी दोहराने से बचना है
जानकारी के अनुसार: पिछले वर्षों में AES ने मुजफ्फरपुर में सैकड़ों बच्चों की जान ली थी। इस बार प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतना चाहते। ‘Zero Casualty’ Mission के तहत प्रत्येक बच्चा प्राथमिकता पर है।