दरभंगा के जाले नगर परिषद क्षेत्र के लोगों को इन दिनों पानी की भारी किल्लत झेलनी पड़ रही है। बारिश होने के बावजूद चापाकल सूखे पड़े हैं और कई वार्डों में नल का जल (Nal Ka Jal) भी ठप पड़ा हुआ है।
हालात ऐसे हैं कि हर दिन 20 से 22 टैंकरों के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है, लेकिन ये भी लोगों की जरूरतों को पूरी तरह पूरा नहीं कर पा रहे।
हर टैंकर पर लगे हैं छह-सात टोटियां
नगर परिषद के सिटी मैनेजर संज़ीव कुमार ने बताया कि भीड़ न लगे और सभी को पानी जल्दी मिले, इसके लिए प्रत्येक टैंकर में 6-7 टोटियां लगाई गई हैं। इससे एक बार में 5-6 लोगों को पानी लेने की सुविधा मिलती है। लेकिन समस्या यहीं खत्म नहीं होती।
पीएचइडी की लापरवाही से बिगड़े हालात
नगर परिषद क्षेत्र में दो-दो पानी टंकी रहने के बावजूद लोगों को टैंकर से पानी पहुंचाना पड़ रहा है। सिटी मैनेजर ने बताया कि अभी तक “नल का जल” योजना की जिम्मेदारी नगर परिषद को ट्रांसफर नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि अधिकतर वार्डों में ₹8,000 से ₹10,000 खर्च कर यह सेवा बहाल की जा सकती है, लेकिन पीएचइडी विभाग चार्ज ट्रांसफर करने में देरी कर रहा है, जो समझ से परे है।
नल का जल योजना में भारी भ्रष्टाचार का आरोप
स्थानीय लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि “हर वार्ड में नल का जल” योजना के लिए समरसेबल और टंकी लगाने को राशि मिली थी, लेकिन अधिकारियों और कर्मियों की मिलीभगत से घटिया सामग्री से काम किया गया।
इसके चलते टंकियों से दुर्गंधयुक्त पानी निकलता है, जिसे लोग पीने या खाना बनाने के बजाय किचन गार्डन या मवेशियों को धोने में उपयोग करते हैं।
पाइप कटने से हुआ जल जमाव, फिर सेवा हुई बंद
सड़क किनारे नाला निर्माण के दौरान नल का जल के पाइप टूट गए, जिससे सड़कों पर जलजमाव होने लगा। इसके बाद एक-एक कर योजना को बंद कर दिया गया और उसे पीएचइडी को सौंप दिया गया। लेकिन विभाग ने इसे ठीक करना तो दूर, झांकने की भी जहमत नहीं उठाई।
जल संकट से परेशान हैं लोग, सरकार से मांग की कार्रवाई
अब जब बरसात भी कम हो रही है और चापाकल सूख रहे हैं, तो लोग चारों ओर से पानी की तलाश में भटक रहे हैं। जनता ने सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि:
पीएचइडी तत्काल “नल का जल” की मरम्मत कर सेवा चालू करे
नगर परिषद को इस योजना का चार्ज तुरंत सौंपा जाए
भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की जांच कर कार्रवाई हो