आंचल कुमारी, कमतौल, दरभंगा। जिले में एक बार फिर अपराधियों के हौसले बुलंद दिखे जब पिंडारुछ गांव के बलुआहा मैदान में एक युवक को स्कार्पियो से अगवा कर जानलेवा हमला किया गया। पीड़ित ने हमलावरों पर सोने की हनुमानी चेन और नकदी लूटने का भी आरोप लगाया है।
स्कार्पियो से अगवा कर मैदान में की गई पिटाई
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुहम्मदपुर निवासी सुनील सहनी ने थाने में दी गई शिकायत में बताया कि
पिंडारुछ निवासी आशीष चौधरी उर्फ चुन्नू,
आयुष कुमार,
उत्सव कुमार
सहित लगभग 12 लोगों ने उसे 28 जून को एक स्कॉर्पियो वाहन से जबरन अगवा कर लिया।
पीड़ित के अनुसार, अगवा करने के बाद उसे पिंडारुछ के बलुआहा खेल मैदान में ले जाया गया, जहां मारपीट की गई। इसके बाद उसे खेल भवन के एक कमरे में ले जाकर डाइगर (लोहे की छड़) से गंभीर रूप से जख्मी किया गया।
लूटपाट और धमकी: नकदी और सोने की चेन छीनी
सुनील सहनी ने आरोप लगाया कि हमलावरों ने उसकी जेब से ₹1500 नकद और करीब 8 आने वजनी सोने की हनुमानी चेन (जिसकी अनुमानित कीमत ₹50,000 है) छीन ली। यही नहीं, जब उसने पुलिस में शिकायत करने की बात कही, तो आरोपितों ने पूरे परिवार को अंजाम भुगतने की धमकी दी।
परिजनों ने पहुंचकर बचाई जान, फिर कराया इलाज
घटना की सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे और सुनील को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया। प्राथमिक इलाज के बाद पीड़ित ने कमतौल थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई।
एफआईआर दर्ज, जांच में जुटी पुलिस
कमतौल थाना अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। जल्द ही सभी आरोपितों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
सम्बंधित धाराएँ और कानूनी पक्ष
इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की निम्नलिखित धाराएं संभावित रूप से लग सकती हैं:
धारा 307 – हत्या का प्रयास
धारा 394 – मारपीट कर लूट
धारा 365 – अपहरण
धारा 506 – आपराधिक धमकी
इन धाराओं के तहत आरोपी को कठोर सजा हो सकती है, यदि पुलिस पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत करती है। IPC की विस्तृत जानकारी विकिपीडिया पर देखी जा सकती है।
स्थानीय प्रशासन की चुप्पी, लोगों में रोष
घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा गया। लोगों का कहना है कि पिंडारुछ गांव में आपराधिक गतिविधियाँ लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन प्रशासनिक सख्ती का अभाव है।
निष्कर्ष:
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि ग्रामीण इलाकों में भी अपराधियों का मनोबल ऊंचा है। पीड़ित सुनील सहनी की त्वरित एफआईआर और परिवार की तत्परता से उसकी जान बची, लेकिन यह घटना कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। पुलिस को चाहिए कि जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई करे, ताकि आम जनता में कानून के प्रति विश्वास बना रहे।