Darbhanga में अब BMP-13 में जीविका दीदियों का जलवा… 983 महिला सिपाही, 40 दीदियां – परोसा जा रहा है पोषण और प्रेरणा, हर स्वाद में सशक्तिकरण…दरभंगा जिले के बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल (बीएमपी)-13 परिसर में आज से 983 नवचयनित महिला सिपाहियों का बुनियादी प्रशिक्षण (Basic Training) शुरू हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर ‘दीदी की रसोई’ का भव्य उद्घाटन (grand inauguration) किया गया, जो जीविका की एक अभिनव पहल है।
महिला सिपाहियों को मिलेगा पौष्टिक व संतुलित आहार
इस पहल के माध्यम से प्रशिक्षणरत महिला सिपाहियों को पौष्टिक (nutritious), सुपाच्य और संतुलित भोजन मिलेगा, साथ ही जीविका दीदियों को आजीविका (livelihood opportunity) का नया साधन भी प्राप्त होगा।
उद्घाटन में शामिल हुए वरीय अधिकारी
इस अवसर पर उपस्थित थे:
Darbhanga DM कौशल किशोर
पुलिस उप महानिरीक्षक श्रीमती स्वप्ना गौतम मेश्राम
जिलाधिकारी कौशल कुमार
वरीय पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी
बीएमपी-13 समादेष्टा पूरन कुमार झा
डिप्टी समादेष्टा दिलीप कुमार झा
जीविका की डीपीएम डॉ. ऋचा गार्गी
सभी अधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन और फीता काटकर शुभारंभ किया। मिथिला परंपरा अनुसार पाग-चादर और पुष्पगुच्छ से अतिथियों का स्वागत हुआ।
प्रशंसा में बोले अधिकारी
प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा,
“जीविका की महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।”
डीआईजी ने कहा,
“महिला सिपाही और रसोई में काम कर रहीं दीदियां – दोनों ही women empowerment की मिसाल हैं।”
जिलाधिकारी ने कहा,
“स्थानीय महिलाओं द्वारा भोजन व्यवस्था समाजिक बदलाव की दिशा में बड़ा कदम है।”
एसएसपी ने दीदियों की भूमिका को सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध संघर्ष के रूप में सराहा।
समादेष्टा पूरन कुमार झा ने अनुशासन और समर्पण की प्रशंसा की।
डिप्टी समादेष्टा ने इसे प्रशासनिक व सामाजिक समन्वय का सुंदर उदाहरण बताया।
डीपीएम डॉ. ऋचा गार्गी ने कहा कि,
“जीविका का लक्ष्य है – ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना।”
40 दीदियों को मिला प्रशिक्षण, दो शिफ्ट में होगा रसोई संचालन
कुल 40 जीविका दीदियों को पूर्व प्रशिक्षण (pre-training) दिया गया है।
रसोई दो शिफ्टों में संचालित होगी:
सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक
दोपहर 1 बजे से रात 8 बजे तक
स्वच्छता, गुणवत्ता और पोषण को प्राथमिकता दी जा रही है।
हर प्रशिक्षु को मिलेगा:
सुबह का नाश्ता
दो बार भोजन
शाम की चाय
इसकी जानकारी गैर-कृषि इकाई प्रबंधक अशोक कुमार ने दी।
कार्यक्रम में जीविका दीदियां और सैकड़ों महिला सिपाही रहीं उपस्थित
इस आयोजन में बीएमपी-13 के अधिकारी, जीविका दीदियां, मनोरमा मिश्रा, सिकंदर आज़म समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। माहौल में उत्साह, गरिमा और अनुशासन का संचार था।
निष्कर्ष: ‘दीदी की रसोई’ बनी महिला सशक्तिकरण की रोल मॉडल
‘दीदी की रसोई’ केवल एक भोजन सेवा नहीं, बल्कि महिला आत्मनिर्भरता (self-reliance), स्वास्थ्य (nutrition) और सामाजिक बदलाव (social change) की प्रेरणादायक पहल है। इससे जहां एक ओर महिला सिपाहियों को अच्छा पोषण मिल रहा है, वहीं ग्रामीण दीदियों को सम्मान और आय प्राप्त हो रहा है।