कुशेश्वरस्थान, दरभंगा | उत्तर बिहार के प्रसिद्ध बाबा कुशेश्वरनाथ धाम में सावन की दूसरी सोमवारी को लेकर रविवार रात 12 बजे से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तगण गजेंद्र नारायण सिंह धर्मशाला में बने बांस बल्ले के घुमावदार बेरिकेटिंग से होते हुए, महिला और पुरुषों की अलग-अलग लाइन में मन्दिर परिसर पहुँचे। सुबह 3 बजे प्रधान पूजन के बाद मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
शिवगंगा से जल लेकर बाबा का जलाभिषेक
भक्तों ने चंद्रकूप से जल भरकर बाबा को जलाभिषेक किया। इस दौरान मंदिर परिसर में “हर हर महादेव”, “बोल बम”, “ॐ नमः शिवाय” जैसे धार्मिक मंत्रों की गूंज सुनाई देती रही। बाबा की पूजा के बाद श्रद्धालुओं ने प्रसाद, धार्मिक वस्त्र, और स्मृति-चिन्हों की खरीदारी स्थानीय बाजार से की।
शिवनगरी में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे। एसडीओ शशांक राज और एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी, थाना अध्यक्ष अंकित चौधरी के साथ मंदिर परिसर और सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में व्यवस्था पर नजर बनाए हुए थे।
महिला व पुरुष पुलिस बल की तैनाती प्रमुख स्थानों पर थी।
बड़े वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था।
शिवनगरी से 5 किमी दूर सतिघाट और धवोलिया मध्य विद्यालय के पास बांस से बेरिकेटिंग कर वाहन रोकथाम की गई।
श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रित करने हेतु की गई विशेष व्यवस्था
श्रद्धालुओं की भीड़ को सुव्यवस्थित रखने के लिए विभिन्न स्थलों पर अतिरिक्त बेरिकेटिंग की गई थी जैसे –
स्थानीय थाना चौक
काली मंदिर के पास
असमा, पारो, शिवमंदिर का पूर्वी द्वार
शिवगंगा घाट और धर्मशाला
सीसीटीवी कैमरों के जरिए लाइव मॉनिटरिंग की जा रही थी और माइकिंग के माध्यम से दिशा-निर्देश दिए जा रहे थे।
जर्जर धर्मशाला बनी चिंता का कारण
मंदिर के सामने स्थित जर्जर धर्मशाला पर अस्थायी बेरिकेटिंग की गई, जिससे संभावित दुर्घटना को टाला गया। हालांकि, श्रद्धालुओं को शिवगंगा पोखर में स्नान के दौरान कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
जब तक धर्मशाला को पूर्ण रूप से ध्वस्त नहीं किया जाता, तब तक श्रद्धालुओं को पोखर के उत्तर भाग से स्नान के लिए जाना पड़ेगा। यदि भीड़ और अधिक बढ़ी तो स्नान में अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
भीड़ इस बार अपेक्षाकृत कम, प्रशासन को राहत
पिछली सोमवारी की तुलना में इस बार भक्तों की संख्या कम रही, जिससे प्रशासन को राहत मिली। हालांकि, आगामी दो सोमवारी में भीड़ बढ़ने की संभावना जताई जा रही है, जिससे तैयारियां और तेज होंगी।
श्रद्धालु दिनभर करते रहे दर्शन-पूजन
भक्तों की लाइन दुर्गा मंदिर से शुरू होकर बाबा मंदिर तक लगी रही।
दोपहर 1 बजे तक मंदिर के पट फिर बंद कर दिए गए थे।
शाम तक भक्तगण अपनी बारी का इंतजार करते हुए जलाभिषेक करते रहे।
कई श्रद्धालु कांवड़ यात्रा करते हुए पहुंचे, तो कई ने दंड प्रणाम करते हुए मंदिर में प्रवेश किया।
मंदिर परिसर में देवी-देवताओं की पूजा पर सीमित पहुँच
श्रद्धालुओं ने बताया कि बाबा कुशेश्वरनाथ के जलाभिषेक के बाद माता पार्वती की पूजा बाहर से ही करनी पड़ी। अन्य देवी-देवताओं के मंदिरों में भी बांस बेरिकेटिंग के कारण अंदर प्रवेश संभव नहीं हो पाया। पश्चिमी द्वार से श्रद्धालुओं को बाहर निकाला जा रहा था।
अन्य शिव मंदिरों में भी रही भक्तों की भीड़
श्रवणी मेले के दौरान पूरे प्रखंड क्षेत्र में स्थित शिवालयों जैसे:
समलगढ़ नाथ महादेव,
जिमराहा महादेव,
टेगच्छ शिव मंदिर,
अर्थुआ शिव मंदिर,
तिलकेश्वर शिव मंदिर
में देर शाम तक भक्तों की भीड़ लगी रही, जिससे पूरा इलाका शिवमय हो उठा।