बिहार में बड़ा एक्शन! 55 अपराधियों की अवैध संपत्ति पर ईडी का डंडा – नाम पढ़कर चौंक जाएंगे। ड्रग माफिया, नक्सली, बैंक मैनेजर और बालू माफिया – सबकी संपत्ति जब्त होगी! 35 करोड़ की ठगी, विदेश ट्रांसफर और फर्जी एलआईसी!@पटना,देशज टाइम्स।
Bihar News: संजीव मुखिया समेत 55 कुख्यातों की संपत्ति जब्त होगी, ईडी की कार्रवाई तेज
बैंक घोटाले में बड़ा खुलासा। 4 नक्सली, 36 ड्रग तस्कर, 10 बालू माफिया –EOU का बड़ा खुलासा: 100 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी, अब हर माफिया पर चलेगा बुलडोजर@पटना,देशज टाइम्स।
अपराधियों की अवैध कमाई पर अब चलेगा कानून का डंडा
बिहार में अपराध से अर्जित संपत्ति पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत 55 कुख्यात अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भेजा है। इनमें से 22 मामलों में करीब 11 करोड़ रुपये की संपत्ति पहले ही जब्त की जा चुकी है। शेष मामलों की जांच तेज़ी से चल रही है।
इन पर होगी सबसे बड़ी कार्रवाई
शुक्रवार को EOU के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि जिन मामलों में जब्ती का प्रस्ताव भेजा गया है, उनमें शामिल हैं:
श्रेणी | संख्या | प्रमुख नाम |
---|---|---|
मादक पदार्थ तस्कर | 36 | — |
बालू माफिया | 10 | रामप्रवेश राय |
नक्सली/उग्रवादी | 15 | — |
कुख्यात अपराधी | 4 | संजीव मुखिया, सुमित कुमार |
संजीव मुखिया पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड है। वहीं सुमित कुमार, कोटक महिंद्रा बैंक, एग्जीबिशन रोड पटना का शाखा प्रबंधक है, जिस पर 35 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का आरोप है।
बालू खनन और नशा कारोबार पर भी शिकंजा
EOU की कार्रवाई में शामिल अन्य अहम बिंदु यह है कि पटना और भोजपुर में अवैध बालू खनन के 5 एफआईआर दर्ज है। 4.58 लाख घनफीट बालू जब्त, ड्रोन से मापी गई मात्रा। जनवरी 2025 से अब तक 4501 किलो गांजा, 78 किलो चरस, 40 हजार बोतल कोडीनयुक्त कफ सिरप जब्त हो चुके हैं वहीं, 500+ नशा तस्करों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
बैंकों में 100 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी
दो सहकारी बैंकों में बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ी, इसमें अवामी लीग सहकारी बैंक (पटना): ₹15 करोड़ की धोखाधड़ी, आरोपी: शाहबाज (गिरफ्तार), वैशाली सहकारी बैंक: ₹85 करोड़ की धोखाधड़ी, आरोपी: गोपाल प्रसाद (गिरफ्तार)। इन घोटालों में फर्जी एलआईसी पॉलिसियां और जाली कोल्ड स्टोरेज दस्तावेज का इस्तेमाल किया गया।
मामले की जांच में सहयोगी एजेंसियां
I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre) भी ठगी के मामलों की जांच में सहयोग कर रही है। ठगी की रकम दक्षिण अफ्रीका और फिलीपींस की प्रतिबंधित कंपनियों को ट्रांसफर की गई थी।
संयुक्त जांच और निगरानी होगी और सख्त
EOU ने बताया कि कुछ मामलों की संयुक्त जांच ED के साथ की जा रही है, ताकि मनी लॉन्ड्रिंग की हर कड़ी का पता लगाया जा सके। डीआईजी ढिल्लों ने यह भी स्पष्ट किया कि अब अवैध कमाई पर कार्रवाई और तेज की जाएगी।