भागलपुर में बाढ़ का कहर! ट्रेन से कटकर 9 भैंसों की मौत, तिलका मांझी यूनिवर्सिटी बनी तालाब! जलमग्न यूनिवर्सिटी में राष्ट्रपति का प्रस्तावित कार्यक्रम – दिन-रात चल रही तैयारी।संतोष पांडेय, देशज टाइम्स ब्यूरो भागलपुर।
भागलपुर में बाढ़ और हादसे का डबल अटैक – एक तरफ पानी, दूसरी तरफ मौत की टक्कर
भागलपुर में बाढ़ और हादसे का डबल अटैक – एक तरफ पानी, दूसरी तरफ मौत की टक्कर। सांप-बिच्छुओं के बीच काम कर रहे कर्मचारी, बाढ़ में डटी यूनिवर्सिटी। पानी में डूबी तिलका मांझी यूनिवर्सिटी – फाइलें ऊपरी मंजिल पर, नाव पर आना-जाना। 9 भैंसों की मौत से सन्नाटा! बाढ़ पीड़ित पशुपालकों की आंखों में आंसू@देशज टाइम्स ब्यूरो भागलपुर।
भागलपुर बाढ़ संकट: तिलका मांझी यूनिवर्सिटी जलमग्न, ट्रेन हादसे में 9 भैंसों की मौत
भागलपुर, देशज टाइम्स। गंगा के बढ़ते जलस्तर ने भागलपुर और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसी गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। इस बार पानी का स्तर पिछले वर्ष की तुलना में अधिक होने से हालात और बिगड़ गए हैं।
तिलका मांझी विश्वविद्यालय पूरी तरह जलमग्न
तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) का पूरा कैंपस पानी में डूबा है। कर्मचारियों, प्रोफेसरों और पदाधिकारियों को अब नाव के सहारे अपने कार्यालय तक पहुंचना पड़ रहा है। प्रशासनिक कार्य बाधित न हों, इसके लिए सभी महत्वपूर्ण फाइलें और दस्तावेज ऊपर के तल में शिफ्ट कर दिए गए हैं। सांप-बिच्छुओं का खतरा भी मंडरा रहा है, जिससे डर का माहौल है।
राष्ट्रपति कार्यक्रम की तैयारी चुनौतीपूर्ण
महामहिम राष्ट्रपति का कार्यक्रम विश्वविद्यालय में प्रस्तावित है। प्रतिमा स्थल सहित कई हिस्सों में पानी भर गया है। कुलपति प्रो. जवाहरलाल ने बताया कि जिलाधिकारी ने एनटीपीसी से रेत मंगवाने और टाइल्स कार्य शीघ्र पूर्ण करने का आदेश दिया है।सुरक्षा हेतु नाविक, बिजली मिस्त्री और चिकित्सक को 24 घंटे तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
नाथनगर में दर्दनाक हादसा – 9 भैंसों की मौत
बाढ़ से विस्थापित अजमेरीपुर गांव के पशुपालक अपने मवेशियों को चारा खिलाने के लिए नाथनगर रेलवे केबिन के पास ले गए थे। इस दौरान तेज रफ्तार लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस ने 9 भैंसों को टक्कर मार दी। सभी भैंसों की मौके पर ही मौत हो गई। पहले से बाढ़ से जूझ रहे पशुपालकों पर यह नया संकट टूट पड़ा, जिससे पूरे इलाके में आक्रोश और शोक का माहौल है।
जिले में गंगा नदी अब ग्रामीण और दियारा क्षेत्रों को पार कर शहरी इलाकों में भी दस्तक दे चुकी है। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का प्रोफेसर कॉलोनी पूरी तरह से जलमग्न हो गया है, जिससे यहां रहने वाले शिक्षक और उनके परिवार गंभीर संकट में हैं।
महिला छात्रावास खाली, प्रोफेसर कर रहे पलायन
पीजी महिला छात्रावास में पानी घुसने के बाद छात्रावास को पूरी तरह खाली कराया गया। कई प्रोफेसर अपने परिवार और सामान के साथ ठेले के सहारे बाहर निकल रहे हैं। कुछ ने सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन शुरू कर दिया है।
सांप और कीड़ों का बढ़ा खतरा
जलभराव के बीच रसल वाइपर जैसे खतरनाक सांप और कीड़े-मकौड़े निकलने लगे हैं। कई बार रेस्क्यू ऑपरेशन भी चलाया गया है, लेकिन खतरा अभी भी बना हुआ है। स्थानीय लोग और प्रोफेसर बच्चों व बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। पानी के बीच बीमारियों के फैलने का खतरा तेजी से बढ़ रहा है।
कॉलेज पहुंचना हुआ मुश्किल
पानी भरने के कारण कॉलेज और विभागों तक पहुंचने के लिए भी लोग ठेलों का सहारा ले रहे हैं। दैनिक कार्य बाधित हो रहे हैं और विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित हैं।
बाढ़ के प्रभाव
हजारों लोग विस्थापित होकर महाशय डयोरी और ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में फसल, घर और मवेशियों को भारी नुक सान हो रहा है।