खतरे में लाखों की जिंदगी, मौत, तबाही। टापू में तब्दील, उफान पर नदियां, घरों में पानी। 15 करोड़ का बांध बहा, 18 लाख प्रभावित। बिहार में बाढ़ का कहर! 18 लाख लोग प्रभावित, 10 नदियां खतरे के निशान से ऊपर। 15 करोड़ का रिंग बांध बहा, 7 जिले टापू में तब्दील – बाढ़ से मचा हाहाकार। इस सबके बीच मॉनसून की द्रोणिका दरभंगा से होकर गुजर रही है। बारिश करवाने वाले कई मौसमी सिस्टम एक्टिव हैं। उत्तर बिहार खासकर हिमालय की तराई वाले जिलों और उत्तर पूर्वी भाग में अत्यधिक वर्षा का पूर्वानुमान है।@पटना,देशज टाइम्स।
बिहार में बाढ़ और बारिश से जनजीवन प्रभावित: सात जिले टापू बने, 18 लाख लोग संकट में
137 स्कूल बंद, सैकड़ों गांव डूबे – बिहार में मूसलाधार बारिश से तबाही।बिहार में 11 की मौत, बाढ़ का पानी घरों-खेतों में घुसा – प्रशासन अलर्ट पर। गंगा समेत 10 नदियां उफान पर! बिहार के कई जिले डूबे, हजारों बेघर। उत्तर बिहार में ऑरेंज अलर्ट! 14 अगस्त तक भारी बारिश, खतरे में लाखों की जिंदगी।@पटना,देशज टाइम्स।
लगातार बारिश और सक्रिय मानसून
बिहार में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश और बाढ़ ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सक्रिय मानसून के कारण राज्य के ज्यादातर जिलों में भारी वर्षा जारी है। गंगा नदी समेत 10 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे पटना, भागलपुर, बेगूसराय सहित सात जिले टापू जैसे हालात में घिर गए हैं।
नदियों का जलस्तर और खतरा
गंगा, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, पुनपुन, घाघरा, सोन, कमला, अधवारा और कनकाई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राजधानी पटना में दीघा घाट पर गंगा का जलस्तर 51.62 मीटर और गांधी घाट पर 50.20 मीटर है, जो खतरे के निशान से ऊपर है। भागलपुर के सुल्तानगंज में गंगा का पानी NH-80 तक पहुंच गया है, जिससे सड़क यातायात बंद है।
बाढ़ का सबसे ज्यादा असर वाले जिले
पटना – 7 प्रखंडों की 24 पंचायतें जलमग्न। बेगूसराय – 8 प्रखंडों में 137 स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र 14 अगस्त तक बंद। भागलपुर, बक्सर, मुंगेर, वैशाली, खगड़िया – घरों और खेतों में बाढ़ का पानी, फसलों को भारी नुकसान।
बांध और बुनियादी ढांचे को नुकसान
नवगछिया के गोपालपुर प्रखंड में 15 करोड़ रुपये की लागत से बना रिंग बांध का 70% हिस्सा बाढ़ के पानी में बह गया। इस घटना से बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है। प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति का आकलन कर रहे हैं।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार: 12 अगस्त को सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा, मधुबनी में बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण सहित 11 जिलों में येलो अलर्ट है। पटना और दक्षिण बिहार के 19 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
बारिश के आंकड़े : कहीं कम कहीं ज्यादा
इस समय तक सामान्य बारिश: 590.4 मिमी, अब तक हुई बारिश: 444.7 मिमी (औसत से 25% कम), उत्तर बिहार के 8 जिलों में बारिश की कमी: 50% तक, पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश शिवहर में, जबकि कटिहार – 140 मिमी, नालंदा – 70 मिमी, पटना – 57 मिमी।
सरकार और राहत कार्य
आपदा प्रबंधन विभाग और एनडीआरएफ की 14 टीमें राहत कार्य में जुटी। दरभंगा, सुपौल, मोतिहारी, नालंदा में विशेष बचाव दल तैनात। पटना में 35 नावें, भागलपुर में राहत शिविर और सामुदायिक रसोई सक्रिय। चिकित्सा शिविरों के जरिए प्रभावितों को इलाज और दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
नेपाल से छोड़ा गया पानी और खतरा
नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण कोसी और गंडक जैसी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे सीमावर्ती जिलों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
18 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित। कई स्थानों पर बिजली आपूर्ति और संचार व्यवस्था बाधित। सैकड़ों हेक्टेयर में फसल बर्बाद, जिससे किसानों को भारी नुकसान। कई लोग अपने घर छोड़कर उच्च स्थानों पर जाने को मजबूर।
बाढ़ और बारिश का यह संकट
बिहार में बाढ़ और बारिश का यह संकट केवल प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि बुनियादी ढांचे, आपदा प्रबंधन और जल संसाधन नीति की एक बड़ी परीक्षा है। आने वाले दिनों में बारिश की तीव्रता घटने के बाद ही वास्तविक नुकसान का आकलन हो सकेगा।
बिहार में इस समय बाढ़ और भारी बारिश से उत्पन्न गंभीर हालात का विस्तृत विवरण देती है। मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं—
भारी बारिश और बाढ़ का असर
गंगा समेत 10 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। पटना, भागलपुर, बेगूसराय सहित 7 जिले टापू जैसे हालात में हैं। अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 18 लाख लोग प्रभावित हैं।
बारिश का आंकड़ा
इस समय तक 590.4 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक केवल 444.7 मिमी हुई है (25% कम)। उत्तर बिहार के 8 जिलों में अब भी 50% तक बारिश की कमी है, हालांकि जुलाई के अंत से अच्छी बारिश हो रही है।
प्रमुख घटनाएं और असर
नवगछिया में 15 करोड़ की लागत से बना रिंग बांध का 70% हिस्सा बाढ़ में बह गया। बेगूसराय में 137 स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र 14 अगस्त तक बंद। भागलपुर में गंगा का पानी एनएच-80 पर चढ़ गया, सड़क यातायात बंद। कई जिलों में फसलें बर्बाद, घर जलमग्न।
मौसम विभाग की चेतावनी
12 अगस्त तक उत्तर बिहार के कई जिलों (जैसे सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया) में बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट। सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी सहित कई जिलों में येलो अलर्ट। पटना समेत दक्षिण बिहार के जिलों में हल्की से मध्यम बारिश का पूर्वानुमान।राहत और बचाव कार्य एनडीआरएफ की 14 टीमें राहत कार्य में लगी हैं। पटना में 35 नावें, भागलपुर में राहत शिविर और सामुदायिक रसोई सक्रिय। बक्सर में गंगा का जलस्तर घटा, लेकिन पुनपुन नदी का जलस्तर बढ़ रहा है।