बिहार के दरभंगा खासकर जाले में खेती का नया दौर! कृषि यंत्र बैंक खोलने पर सरकार दे रही 80% सब्सिडी। अब किसान बनेंगे मालिक! सिर्फ 20% खर्च कर खोल सकेंगे कृषि यंत्र बैंक। खेती होगी आसान!@जाले-दरभंगा, देशज टाइम्स।
लेजर लैंड लेवलर से उत्पादकता, खेत का क्षेत्र बढ़ेगा 2%
लेजर लैंड लेवलर से उत्पादकता और खेत का क्षेत्र बढ़ेगा 2% तक। अब गांव-गांव पहुंचेगा कृषि यंत्र बैंक, छोटे किसान भी सस्ते में ले सकेंगे मशीन किराये पर। 23 युवा किसानों को मिला आधुनिक खेती का मंत्र – जानिए कौन-कौन से यंत्रों का होगा इस्तेमाल।@जाले-दरभंगा, देशज टाइम्स।
जानिए कौन से आधुनिक यंत्र बचाएंगे खर्च और समय
किसान मजदूर की कमी से परेशान? जानिए कौन से आधुनिक यंत्र बचाएंगे खर्च और समय। कृषि से बनेगा रोजगार! स्ट्रॉ बेलर से लेकर हैप्पी सीडर तक की ट्रेनिंग पूरी@जाले-दरभंगा, देशज टाइम्स।
जाले कृषि यंत्र बैंक प्रबंधन प्रशिक्षण में किसानों को मिली आधुनिक तकनीक से खेती-किसानी की जानकारी
जाले, दरभंगा, देशज टाइम्स — कृषि विज्ञान केन्द्र में चल रहे कृषि यंत्र बैंक प्रबंधन का पाँच दिवसीय प्रशिक्षण शनिवार को प्रमाण पत्र वितरण के साथ संपन्न हुआ। इस प्रशिक्षण की अध्यक्षता वरिष्ठ वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ. दिव्यांशु शेखर ने की, जबकि प्रशिक्षण का संचालन कृषि अभियंत्रण वैज्ञानिक ई. निधि कुमारी ने किया।
प्रशिक्षण का उद्देश्य
प्रशिक्षण में किसानों को खेती में आधुनिक कृषि यंत्रों के प्रयोग और रखरखाव की जानकारी दी गई। खेती में यांत्रिकीकरण (Mechanization) को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। किसानों को बताया गया कि समतल खेत (लेजर लैंड लेवलर तकनीक) से उत्पादकता बढ़ती है और भूमि का क्षेत्रफल भी लगभग 2% तक बढ़ाया जा सकता है।
प्रमुख कृषि यंत्र जिनकी जानकारी दी गई
बुआई और जुताई के लिए
सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, रेज्ड बेड प्लांटर, मल्टी क्रॉप प्लांटर, हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, सीडलिंग ट्रांसप्लांटर, ऑटोमैटिक पोटेटो प्लांटर।
कटाई और फसल प्रबंधन के लिए
रीपर कम बाइंडर, मिनी हार्वेस्टर, कंबाइन हार्वेस्टर, ब्रश कटर, स्ट्रॉ बेलर (फसल अवशेष प्रबंधन के लिए)
सरकारी योजना की जानकारी
किसानों को बताया गया कि बिहार सरकार की ओर से कृषि यंत्र बैंक योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर या कृषि यंत्र बैंक खोलने पर किसानों को 80% तक सब्सिडी दी जाती है। केवल 20% लागत किसान को खुद वहन करनी होती है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि छोटे और सीमांत किसानों को सस्ते किराए पर आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध हो सकें।
युवा किसानों को मिला नया मार्गदर्शन
ई. निधि कुमारी ने कहा कि आज के दौर में मजदूर की कमी और बढ़ती लागत के कारण समय पर खेती करना कठिन हो जाता है। ऐसे में युवा किसान अगर कृषि यंत्र बैंक को रोजगार के रूप में अपनाएं, तो वे समय पर खेती भी कर पाएंगे और आय के नए स्रोत भी बना सकेंगे।
प्रशिक्षण में शामिल विशेषज्ञ और प्रतिभागी
इस प्रशिक्षण में कुल 23 युवा किसानों ने हिस्सा लिया। मौके पर उद्यानिकी विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार विश्वकर्मा, गृह वैज्ञानिक डॉ. पूजा कुमारी, और प्रक्षेत्र वैज्ञानिक डॉ. चंदन कुमार मौजूद थे।