
कमलेश उपाध्याय, रिपोर्टर : देशज टाइम्स, दरभंगा। लंबे इंतजार के बाद दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (DMCH) के इंटर्न्स ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। इस फैसले के बाद अस्पताल की ओपीडी (OPD) सेवाएं बुधवार को बहाल हो गईं और मरीजों ने राहत की सांस ली।
मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा और सुपौल तक के मरीज़…हताश
मंगलवार को हुई हड़ताल के कारण डीएमसीएच की आउटडोर सेवा पूरी तरह बाधित रही। हजारों मरीज, जो दरभंगा और आसपास के जिलों के अलावा मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा और सुपौल जैसे दूर-दराज़ के इलाकों से इलाज कराने पहुंचे थे, उन्हें बिना इलाज के लौटना पड़ा।
मंगलवार को सुबह से शाम तक ओपीडी रजिस्ट्रेशन बंद रहा।
मरीज और उनके परिजन इधर-उधर भटकते रहे।
कई गंभीर मरीजों को निजी क्लिनिक का सहारा लेना पड़ा।
यह स्थिति न केवल मरीजों के लिए परेशानीभरी रही बल्कि अस्पताल की प्रतिष्ठा पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा कर गई।
‘ कुछ कह नहीं सकते कब शुरू होगी OPD ‘
बुधवार की सुबह 9:30 बजे तक मरीजों और उनके परिजनों के बीच असमंजस की स्थिति बनी रही।
बड़ी संख्या में मरीज रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लाइन में खड़े थे।
यह स्पष्ट नहीं था कि ओपीडी सेवा शुरू होगी या नहीं।
लोग लगातार कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों से जानकारी लेने की कोशिश करते रहे।
इसी बीच स्थिति तब बदली जब जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (JDA) के अध्यक्ष डॉ. कुमार प्रणय वर्मा ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा की।
डॉ. कुमार प्रणय वर्मा ने देशज टाइम्स को बताया –
कि मंगलवार को उनकी बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव (ACS) के साथ रचनात्मक वार्ता हुई थी। इस बैठक में इंटर्न्स की मांगों पर गंभीर चर्चा की गई।
एसीएस की ओर से आश्वासन दिया गया कि इंटर्न स्टाइपेंड (Intern Stipend) में 33 प्रतिशत की वृद्धि का आधिकारिक पुष्टि-पत्र अगले 10 दिनों के भीतर जारी कर दिया जाएगा।
इस आश्वासन के बाद इंटर्न्स ने तुरंत हड़ताल वापस लेने और ड्यूटी पर लौटने का फैसला किया।
यह निर्णय मरीजों की परेशानी को देखते हुए लिया गया ताकि अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य हो सकें।
यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर पुष्टि-पत्र जारी नहीं हुआ तो…
इंटर्न्स ने स्पष्ट किया है कि उनका यह निर्णय अस्थायी है।
यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर पुष्टि-पत्र जारी नहीं हुआ तो वे पुनः हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे।
उन्होंने भरोसा जताया कि मामला तय अवधि में सुलझ जाएगा और आगे किसी कठोर कदम की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
हड़ताल का सीधा असर मरीजों पर
मंगलवार को हजारों मरीज बिना इलाज के लौट गए।
कई गंभीर रोगी घंटों इंतजार के बाद भी डॉक्टर से परामर्श नहीं ले पाए।
कुछ मरीजों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ा, जिससे उनका आर्थिक बोझ बढ़ गया।
बुधवार को हड़ताल समाप्त होने और ओपीडी सेवा शुरू होने के बाद मरीजों ने राहत की सांस ली।
पत्र की प्रतिलिपि उच्च अधिकारियों को भेजी गई
इंटर्न्स की ओर से जारी पत्र की प्रतिलिपि
बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री
दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य
डीएमसीएच अधीक्षक
को भी भेजी गई है।
इससे यह सुनिश्चित हुआ कि मामले की जानकारी सभी संबंधित उच्चाधिकारियों तक पहुँच सके।
अगर 10 दिनों के भीतर आदेश जारी नहीं हुआ, तो…
डीएमसीएच इंटर्न्स की हड़ताल खत्म होने से मरीजों को तत्काल राहत मिली है। सरकार के आश्वासन पर इंटर्न्स ने सकारात्मक रुख अपनाया, लेकिन अगर 10 दिनों के भीतर आदेश जारी नहीं हुआ, तो स्थिति दोबारा गंभीर हो सकती है।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि स्वास्थ्य सेवाओं में स्थायी समाधान की दिशा में सरकार और मेडिकल संस्थानों को कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।