
पटना, देशज टाइम्स। उर्दू और बांग्ला TET अभ्यर्थियों का गुस्सा बुधवार को फूट पड़ा। 2013 में आयोजित परीक्षा का रिजल्ट अब तक जारी न होने से नाराज़ अभ्यर्थियों ने JDU कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर उनका परिणाम रोक रही है, जबकि उसी वर्ष आयोजित हिंदी TET का रिजल्ट जारी कर नियुक्ति भी हो चुकी है।
आत्महत्या की चेतावनी, हाथों में जहर की शीशियां
आक्रोशित अभ्यर्थी हाथों में जहर की शीशियां लेकर JDU दफ्तर पहुंचे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे आत्मदाह कर लेंगे। स्थिति बिगड़ने पर JDU कार्यालय का गेट बंद कर दिया गया और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर सुरक्षा कड़ी कर दी गई।
अभ्यर्थियों का आरोप – भाषा और वर्ग के आधार पर भेदभाव
अभ्यर्थियों ने कहा कि यह मामला सिर्फ रोज़गार का नहीं, बल्कि न्याय और समानता का भी है। उनका आरोप है कि सरकार भाषा और वर्ग के आधार पर भेदभाव कर रही है।
उनकी मुख्य मांगें:
2013 की उर्दू-बांग्ला TET परीक्षा का रिजल्ट तुरंत जारी हो। बहाली प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए। सरकार अभ्यर्थियों को स्पष्ट जवाब दे
10 साल से लंबित रिजल्ट, टूटते सपने
करीब 12 हजार अभ्यर्थियों का रिजल्ट पहले घोषित किया गया था, लेकिन कुछ समय बाद अमान्य कर दिया गया। तब से अब तक वे कोर्ट और सरकार के चक्कर लगा रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट और शिक्षा विभाग दोनों उनके पक्ष में राय दे चुके हैं, फिर भी परिणाम जारी नहीं किया गया।
अभ्यर्थियों की पीड़ा
कई अभ्यर्थियों की उम्र सीमा खत्म हो चुकी है। 10 साल का लंबा इंतजार उनकी जिंदगी और करियर पर भारी पड़ रहा है। सरकार की लापरवाही और टालमटोल से युवाओं का भविष्य अधर में लटका है।
बढ़ सकता है आंदोलन
अभ्यर्थियों ने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और उग्र होगा। पटना में हुआ यह प्रदर्शन सरकार और शिक्षा विभाग की नीतियों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।