
दरभंगा में शुरू हुई 7वीं लघु सिंचाई गणना, तालाब से नलकूप तक, सबकी होगी गिनती – दरभंगा में शुरू हुआ बड़ा डिजिटल सर्वे। अब मोबाइल ऐप से होगी हर कुआं-तालाब की डिजिटल लिस्टिंग। हर कुआं और तालाब अब सरकार की नजर में! दरभंगा में डिजिटल सर्वे की हुई शुरुआत। जिले के 1244 गांव होंगे कवर, मोबाइल एप से गिने जाएंगे कुएं और नलकूप। किसानों को मिलेगा सही डेटा@दरभंगा देशज टाइम्स।
Highlights)1244 राजस्व-नगर निकाय LIST में
दरभंगा में लघु सिंचाई व जल निकाय गणना के लिए प्रशिक्षण आयोजित। कुल 1244 राजस्व ग्राम और नगर निकाय होंगे शामिल। मोबाइल ऐप के जरिए होगा डिजिटल डेटा संग्रहण। गणना में शामिल होंगे कुएं, नलकूप और तालाब।
दरभंगा में लघु सिंचाई एवं जल निकाय गणना
दरभंगा, देशज टाइम्स। प्रेक्षागृह दरभंगा में सातवीं लघु सिंचाई गणना एवं द्वितीय जल निकाय गणना (संदर्भ वर्ष 2023-24) के सफल क्रियान्वयन को लेकर एक दिवसीय अनुमंडल स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण में शामिल अधिकारी व विशेषज्ञ
प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित रहे— उप निदेशक, सांख्यिकी, दरभंगा प्रमंडल, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO), अंचलाधिकारी (CO), सहायक एवं प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी, किसान सलाहकार एवं कृषि समन्वयक
गणना कार्य का महत्व
जिला सांख्यिकी पदाधिकारी वीरेन्द्र प्रसाद देव ने गणना कार्य की आवश्यकता और महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। वहीं मास्टर ट्रेनर सुमीत कुमार (सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी, मनीगाछी) ने कार्यान्वयन की प्रक्रिया समझाई।
उन्होंने बताया कि—
भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के अधीन जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग द्वारा यह गणना कराई जाती है। गणना हर पांच वर्ष के अंतराल पर होती है।पहली लघु सिंचाई गणना 1986-87 में हुई थी। वर्तमान गणना सातवीं बार कराई जा रही है।
इस बार क्या होगा गणना में शामिल?
सातवीं लघु सिंचाई गणना (2023-24): जून 2024 से पहले सभी ग्रामीण राजस्व ग्रामों में सिंचाई के लघु साधनों की गणना होगी। इसमें कुएं (Dugwell) और नलकूप (Tubewell) शामिल हैं। द्वितीय जल निकाय गणना: ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के तालाबों की गणना की जाएगी। दोनों गणना कार्य मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से डिजिटल रूप में कराए जाएंगे।
जिले में गणना का दायरा
कुल 1244 राजस्व ग्राम एवं नगर निकायों में यह गणना संपन्न होगी। गणना का उद्देश्य है सटीक आंकड़े इकट्ठा कर जल प्रबंधन और सिंचाई संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करना।