
बिहार के 15 दलों की मान्यता खतरे में, बिहार की 15 पार्टियों पर चुनाव आयोग की गाज! छह साल से नहीं लड़ा एक भी चुनाव। चुनाव आयोग का बड़ा एक्शन: बिहार की 15 निष्क्रिय पार्टियों पर जल्द होगी सख्त कार्रवाई। 6 साल से चुनाव से दूर 15 पार्टियां संकट में! आयोग ने भेजी रिपोर्ट, रद्द हो सकती मान्यता। रिपोर्ट भेजी दिल्ली। बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव? 15 निष्क्रिय पार्टियों को बाहर करने की तैयारी@चुनावी कांव-कांव, देशज टाइम्स पॉलिटिकल।
बिहार में 15 दलों पर चुनाव आयोग की कार्रवाई तय
पटना, देशज टाइम्स – बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। चुनाव आयोग ने राज्य के 15 निबंधित राजनीतिक दलों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। कारण यह है कि इन दलों ने पिछले 6 वर्षों में एक भी चुनाव नहीं लड़ा है।
नोटिस भेजकर मांगा था जवाब
चुनाव आयोग ने इन दलों को कारण बताओ नोटिस भेजा था। 1 सितंबर को सुनवाई भी आयोजित की गई थी। अधिकांश दल न तो सुनवाई में शामिल हुए और न ही नोटिस का जवाब दिया। कुछ दलों ने भविष्य में चुनाव लड़ने की योजना बताई।
रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग को भेजी गई
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) ने सभी दलों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर भारत निर्वाचन आयोग को भेज दी है। अब आयोग तय करेगा कि इन्हें सूची में रखा जाए या बाहर कर दिया जाए।
क्या कहता है कानून?
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत सूचीबद्ध दलों को कई सुविधाएं मिलती हैं, जैसे– चुनाव चिन्ह, सरकारी विज्ञापनों में स्थान, अन्य राजनीतिक लाभ। यदि कोई दल लगातार निष्क्रिय रहता है तो उसकी मान्यता और लाभ रद्द किए जा सकते हैं।
ये हैं बिहार के 15 निष्क्रिय दल
रिपोर्ट में जिन दलों का नाम शामिल है, वे हैं। इसमें, भारतीय आवाम एक्टिविस्ट पार्टी, भारतीय जागरण पार्टी, भारतीय युवा जनशक्ति पार्टी, एकता विकास महासभा पार्टी, गरीब जनता दल (सेक्युलर), जय जनता पार्टी, जनता दल हिंदुस्तानी, लोकतांत्रिक जनता पार्टी (सेक्युलर), मिथिलांचल विकास मोर्चा, राष्ट्रवादी युवा पार्टी, राष्ट्रीय सद्भावना पार्टी, राष्ट्रीय सदाबहार पार्टी, वसुधैव कुटुंबकम पार्टी, वसुंधरा जन विकास दल, यंग इंडिया पार्टी के नाम है। हालांकि, देशज टाइम्स इसकी पुष्टि नहीं करता। किसी भी दल को कोई आपत्ति हो तो देशज टाइम्स इसकी पुष्टि नहीं करता।
निष्क्रिय दलों पर टल नहीं पाएगी कार्रवाई
चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि निष्क्रियता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे दलों की मान्यता रद्द की जा सकती है और इन्हें गैर मान्यता प्राप्त दलों की सूची से बाहर किया जा सकता है।