
दरभंगा के जाले में किसान प्रशिक्षण: ई-किसान भवन में खरीफ खेती पर गोष्ठी: तकनीकी विशेषज्ञों ने किसानों को दिया मूल्यवान मार्गदर्शन। धान की सीधी बुआई तकनीक से पानी की बचत और उपज बढ़ाने के टिप्स। जलवायु अनुकूल खेती! ई-किसान भवन में किसानों को मिली खरीफ फसल की विशेषज्ञ सलाह।@जाले-दरभंगा देशज टाइम्स।
धान की खेती में नया तरीका! सीधी बुआई तकनीक
धान की बुआई बदलें, पानी बचाएं! किसानों को मिली सीधी बुआई तकनीक की जानकारी। किसानों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण: खरपतवार नियंत्रण और फसल की अधिक पैदावार के रहस्य। धान की खेती में नया तरीका! सीधी बुआई तकनीक से कम पानी, ज्यादा उपज – किसानों ने सीखा। किसानों को खरीफ फसल की नई तकनीक पर प्रशिक्षण, विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण सलाह@जाले-दरभंगा देशज टाइम्स।
जलवायु अनुकूल खरीफ खेती पर जोर,मिली ट्रेनिंग
जाले, देशज टाइम्स। प्रखंड मुख्यालय स्थित ई-किसान भवन के सभा कक्ष में आत्मा योजना के अंतर्गत जलवायु अनुकूल खरीफ की खेती विषय पर एक दिवसीय किसान गोष्ठी और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
सीधी बुआई तकनीक से उन्नत खेती की सलाह
कार्यक्रम की अध्यक्षता उप प्रमुख अब्दुल राजिक व संचालन बीएओ प्रेमनाथ सिंह ने किया। इस प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केंद्र के अभियांत्रिकी वैज्ञानिक ई.निधि कुमारी ने जलवायु परिवर्तन के इस दौर में उपस्थित कृषकों को खरीफ मौसम में की जाने वाली फसल के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए सलाह दी कि अब धान की फसल को पारम्परिक ढ़ंग से करने के बजाए सीधी बुआई तकनीक से करने का सलाह दिया। बताया कि सीधी बुआई तकनीक से धान की खेती करने पर अपेक्षाकृत काफी कम पानी की आवश्यकता होती है।
प्रशिक्षण में दी गई महत्वपूर्ण जानकारियां:
कृषि विज्ञान केन्द्र की अभियांत्रिकी वैज्ञानिक ई. निधि कुमारी ने जलवायु परिवर्तन के इस दौर में खरीफ फसल की उन्नत तकनीक के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी दी। धान की खेती पारंपरिक ढंग की बजाय सीधी बुआई तकनीक अपनाने की सलाह दी।
बुआई के 36 से 72 घंटे के भीतर करें छिड़काव
इससे पानी की बचत होती है और फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है। बताया कि 15 जून तक धान के किसी भी प्रभेद की सीधी बुआई कर लेना चाहिए। खेत में नमी का आभाव रहने पर हल्का पटवन देना चाहिए। बुआई के 36 से 72 घंटे के भीतर खरपतवार नाशी दवा पेन्डिमेथलीन का छिड़काव करने से लगभग एक माह तक खरपतवार नहीं उग पाते हैं।
अच्छी ऊपज के लिए खेतों में नमी जरूरी
धान के खेत में धूल नहीं उड़ना चाहिए। इसके लिए बारिश नहीं होने पर उन खेतों में समय-समय पर हल्का पटवन देते रहना चाहिए। बाद में उगने वाले खरपतवारों के लिए बिसपैरिबैग सोडियम का छिड़काव कर देने पर खरपतवार पर नियंत्रण हो जाता है। उन्होंने किसानों से कहा कि खरीफ की फसल धान की अच्छी ऊपज के लिए खेतों में नमी बनाए रखना आवश्यक है।
अन्य उपस्थित अधिकारी और प्रशिक्षक:
आत्मा योजना सहायक तकनीकी प्रबंधक: आनंद कौशल, कृषि समन्वयक: देवेश कुमार, राजकुमार, किसान सलाहकार: सूर्यप्रकाश नायक, राघवेंद्र मिश्रा, मोती कुमार, कादिर हुसैन, सुनील कुमार मौजूद थे। कार्यक्रम में विभिन्न पंचायतों के दर्जनों किसान ने प्रशिक्षण लिया और कृषि सुधार तकनीकियों पर जानकारी प्राप्त की।