
बेगूसराय में बड़ी कार्रवाई: अंचलाधिकारी और डाटा एंट्री ऑपरेटर 2 लाख रिश्वत लेते गिरफ्तार। बिहार में बड़ी कार्रवाई! बेगूसराय के CO और ऑपरेटर 2 लाख घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार। जमीन विवाद निपटाने के नाम पर मांगे 3 लाख! निगरानी विभाग ने CO को दबोचा। 3 लाख से शुरू हुई डील, 2 लाख पर फाइनल – निगरानी टीम ने कर डाला बड़ा खुलासा। बिहार निगरानी ब्यूरो की बड़ी सफलता – बेगूसराय के CO और ऑपरेटर सलाखों के पीछे@बेगूसराय, देशज टाइम्स।
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की बड़ी सफलता
बिहार निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (आधिकारिक वेबसाइट) की टीम ने बेगूसराय जिले में सोमवार को बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान डंडारी प्रखंड के अंचलाधिकारी (CO) राजीव कुमार और डाटा एंट्री ऑपरेटर कुंदन कुमार को 2 लाख रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
शिकायत और सत्यापन की प्रक्रिया
मिली जानकारी के अनुसार, डंडारी प्रखंड के बांक गांव निवासी विजय कुमार चौरसिया ने निगरानी विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि अंचलाधिकारी राजीव कुमार ने जमीन से जुड़े एक विवाद के निपटारे के बदले 3 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी। बाद में यह सौदा 2 लाख रुपये में तय हुआ।
निगरानी विभाग ने शिकायत की गंभीरता को देखते हुए सत्यापन कराया। सत्यापन के दौरान यह साबित हो गया कि सीओ राजीव कुमार वास्तव में रिश्वत की मांग कर रहे थे।
जाल बिछाकर हुई गिरफ्तारी
इसके बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने योजना बनाकर जाल बिछाया। सोमवार की दोपहर जैसे ही रिश्वत की राशि दी गई, CO राजीव कुमार और डाटा एंट्री ऑपरेटर कुंदन कुमार को रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
गिरफ्तारी के समय टीम ने मौके से पूरे 2 लाख रुपये बरामद किए।
जनता के लिए संदेश
इस कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में शून्य सहिष्णुता नीति अपनाई जा रही है। निगरानी ब्यूरो लगातार आम जनता से अपील करता है कि यदि उनसे रिश्वत की मांग की जाए तो तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।
जमीन विवाद और रिश्वतखोरी का रिश्ता
बिहार में जमीन विवाद से जुड़े मामलों में अक्सर रिश्वतखोरी की शिकायतें आती रहती हैं। जमीन विवाद से जुड़े मामलों का समाधान कराने के नाम पर कई अधिकारी और कर्मचारी अनुचित लाभ उठाने की कोशिश करते हैं।
आगे की कार्रवाई
गिरफ्तार किए गए अंचलाधिकारी और डाटा एंट्री ऑपरेटर को निगरानी विभाग की टीम ने कस्टडी में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act, 1988) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जिले में फैली चर्चा
बेगूसराय जिले में इस कार्रवाई के बाद चर्चा का माहौल है। लोगों का कहना है कि अगर निगरानी ब्यूरो इसी तरह सक्रिय रहा, तो सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सकेगी।