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10 सितम्बर, 2024
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Bihar में सिलिकॉन फिंगर से हो रही थी Aadhaar में सेंध! EOU ने तोड़ा साइबर गैंग का नेटवर्क-फर्जी आधार से सरकारी योजनाओं की लूट का खुला राज, 3 Cyber Criminal गिरफ्तार

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आधार कार्ड से वोटिंग का रास्ता साफ, लेकिन बिहार में फर्जीवाड़ा गिरोह पकड़ा गया! निर्वाचन आयोग का बड़ा फैसला – वोटर ID के साथ आधार भी चलेगा, इधर 3 साइबर अपराधी गिरफ्तार। आधार कार्ड अब बनेगा वोटिंग आईडी! बिहार में साइबर गैंग का भंडाफोड़, डेटा चोरी का खेल उजागर।@मधेपुरा, देशज टाइम्स।

बिहार चुनाव से पहले बड़ा खुलासा!

चुनाव से पहले बड़ा खुलासा! फर्जी आधार बनाकर लूटी जा रही थीं सरकारी योजनाएं, 3 गिरफ्तार। वोटर पहचान में आधार को मिली एंट्री, साथ ही खुला सबसे बड़ा डेटा चोरी रैकेट। आधार कार्ड को मान्यता, लेकिन मधेपुरा में खुला फर्जीवाड़े का जाल – राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा। सिलिकॉन फिंगर से हो रही थी आधार में सेंध! EOU ने तोड़ा साइबर गैंग का नेटवर्क@मधेपुरा, देशज टाइम्स।

बिहार में आधार फर्जीवाड़ा गिरोह का भंडाफोड़, 3 साइबर अपराधी गिरफ्तार

मधेपुरा, देशज टाइम्स। निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद स्पष्ट किया है कि मतदाता पहचान के लिए आधार कार्ड को अब 12वें अतिरिक्त दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा। वहीं, इसी बीच बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने आधार से जुड़े बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है।

EOU की बड़ी कार्रवाई

EOU पटना के निर्देशन में गठित विशेष टीम ने मधेपुरा जिले में छापेमारी कर राम प्रवेश कुमार, नीतीश कुमार और विकास कुमार को गिरफ्तार किया।

कैसे करते थे फर्जीवाड़ा?

जांच में सामने आया कि गिरोह नकली वेबसाइटें (जैसे – ayushman.site, UCL) बनाते थे। ECMP Software और UCL Source Code का दुरुपयोग करते थे। नागरिकों का आधार और बायोमेट्रिक डेटा चोरी कर फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे।

सिलिकॉन फिंगर प्रिंट का इस्तेमाल

गिरोह बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन को चकमा देने के लिए सिलिकॉन फिंगर प्रिंट का इस्तेमाल करता था। इस तकनीक से वे आसानी से ECMP को एक्सेस कर लेते और आधार डेटा में हेरफेर करते।

सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग

फर्जीवाड़ा गिरोह सरकारी योजनाओं में सेंध लगाकर फायदा उठाता था। साथ ही आम नागरिकों की पहचान और निजी जानकारी से खिलवाड़ कर रहा था। यह नेटवर्क राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा संरक्षण के लिए गंभीर खतरा बन चुका था।

कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच

इस मामले में आईटी एक्ट 2000 की धाराओं और IPC की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। गिरफ्तार साइबर अपराधियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। EOU अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश और पड़ताल कर रही है।

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