
पटना से बड़ा झटका: शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर वीरेंद्र नारायण के कई ठिकानों पर विशेष निगरानी की छापेमारी — 3.75 करोड़ की संदिग्ध संपत्ति का खुलासा? आय से अधिक संपत्ति का आरोप: वीरेंद्र नारायण के पटना–पूर्णिया–मुजफ्फरपुर परिसरों पर दस्तावेज जब्त, जांच तेज़।@पटना, देशज टाइम्स।
एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी— क्या यह खुलासा शिक्षा विभाग की साख मिटा देगा?
शिक्षा विभाग में हड़कंप — वरिष्ठ अधिकारी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज, कितने फंसे? 3.75 करोड़ की संपत्ति और बैंक लेन-देन की जांच में आया नया मोड़ — दर्शाएंगे असली चेहरे? एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी — क्या यह खुलासा शिक्षा विभाग की साख मिटा देगा? तिरहुत प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक पर गंभीर आरोप — विभागीय अधिकारियों में उठे सवाल
पटना में शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पर आय से अधिक संपत्ति के आरोप. विशेष निगरानी इकाई ने कई ठिकानों पर छापेमारी
पटना देशज टाइम्स शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी डिप्टी डायरेक्टर वीरेंद्र नारायण के विभिन्न ठिकानों पर गुरुवार सुबह विशेष निगरानी इकाई ने छापेमारी की. यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के संदेह के आधार पर की जा रही है. मामले ने शिक्षा विभाग में हलचल पैदा कर दी है और जांच अभी जारी है.
पटना, पूर्णिया व मुजफ्फरपुर के ठिकानों पर तलाशी. दस्तावेज व प्रमाण जब्त
रिपोर्ट के मुताबिक निगरानी टीम ने एक ही दिन में पटना, पूर्णिया व मुजफ्फरपुर में वीरेंद्र नारायण के आवास व कार्यालयों पर छापेमारी की. तहकीकात के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, संपत्ति से जुड़े कागजात व अन्य प्रमाण बरामद किए गए हैं. टीम इन दस्तावेजों का क्रमिक सत्यापन कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि किस स्रोत से संपत्ति आई और क्या वह आय से मेल खाती है.
मामला दर्ज. प्रारम्भिक जांच में 3.75 करोड़ की अवैध संपत्ति का आकलन
विशेष निगरानी इकाई ने इस प्रकरण में मामला कांड संख्या 18/25, दिनांक 10 सितंबर 2025 के तहत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत दर्ज किया है. प्रारम्भिक जानकारी में जांच टीम ने अनुमानित रूप से लगभग ₹3.75 करोड़ की ऐसी संपत्ति की पहचान की है जो घोषित आय से मेल नहीं खाती. इस आधार पर ही व्यापक छापेमारी और दस्तावेजी जांच शुरू की गई है.
पद और पृष्ठभूमि. विभागीय जिम्मेदारियां व प्रभाव
वीरेंद्र नारायण वर्तमान में तिरहुत प्रमंडल, मुजफ्फरपुर में क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक के पद पर तैनात रहे हैं. वे पहले जिला शिक्षा पदाधिकारी के रूप में भी कार्य कर चुके हैं. शिक्षा विभाग में उनकी लंबी सेवा अवधि और विभिन्न योजनाओं के संचालन के कारण इस प्रकरण ने विभाग की साख पर असर डाला है. विभागीय अधिकारी कह रहे हैं कि जांच निष्पक्ष तरीके से पूरी की जाएगी और आवश्यक अंतिम कार्रवाई जांच के निष्कर्ष के आधार पर की जाएगी.
दस्तावेजी जांच, बैंक ट्रांजैक्शन व संपत्ति रिकार्ड की पड़ताल
जांच दल ने जब्त दस्तावेजों के साथ-साथ बैंक खाते, निवेश संबंधी कागजात, रियल एस्टेट रजिस्ट्री व अन्य वित्तीय लेनदेन का भी ट्रेस करना आरंभ कर दिया है. निगरानी इकाई ने स्पष्ट किया है कि जांच में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर वित्तीय विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है. जांच के अंतिम निष्कर्ष आने के बाद आगे की कानूनी प्रक्रिया तय की जाएगी.
विभाग का रुख व आगामी कदम
विभागीय सूत्रों ने कहा है कि जांच पूरी होने तक विभाग आतंरिक स्तर पर भी आवश्यक जानकारी एकत्र कर रहा है. यदि आरोप पुष्ट होते हैं तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ विभागीय व कानूनी कार्रवाई दोनों की जाएगी. फिलहाल आरोपी को दोषी माना नहीं गया है और जांच प्राधिकारियों द्वारा प्रमाणों के आधार पर ही किसी निर्णय का ऐलान किया जाएगा.