
दरभंगा में पानी को लेकर हाहाकार! “दरभंगा प्यासा है और सरकार सो रही है” –जल संकट से त्रस्त जनता! दरभंगा की जनता बोली – पानी नहीं तो आंदोलन होगा! पानी की बूंद-बूंद को तरस रही जनता! पूरा जिला प्यासा, किसान बेहाल! – “दरभंगा में जनता हताश – पानी नहीं, राहत नहीं” सरकार अगर चुप रही तो होगा बड़ा आंदोलन…ऐसे में बड़ा सवाल यही है क्या आगामी विधानसभा चुनाव में दरभंगा का मुद्दा पानी बनेगा…क्योंकि दरभंगा की प्यास मांगें हलक…?@दरभंगा,देशज टाइम्स।
बढ़ते जल संकट को लेकर आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन
दरभंगा, देशज टाइम्स। दरभंगा जिले में बढ़ते जल संकट और किसानों की बदहाली को देखते हुए जो हालात बन रहे हैं क्या यह चुनावी मुद्दा बनेगा। चाहे जाले की जनता हो या शहर के अधिकांश इलाकों की जनता या फिर कई और जिले के गांव जहां पानी संकट मुंह बाए है। ऐसे में, आगामी चुनाव में जलसंकट मुद्दा बन जाए तो कोई अचड़ज की बात नहीं होगी। लिहाजा, भाकपा (माले) ने जिला प्रशासन के समक्ष गुरुवार को जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। पार्टी ने मांग की कि पूरे दरभंगा जिला को सुखाड़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाए और गांव-गांव में चापाकल सहित अन्य पेयजल सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएं।
पोलो मैदान से निकला जुलूस, समाहरणालय तक हुई नारेबाजी
प्रदर्शन का आयोजन भाकपा(माले) के पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत किया गया। जुलूस की शुरुआत पोलो मैदान से हुई और यह समाहरणालय होते हुए लहेरियासराय टावर तक पहुंचा। इसके बाद पुनः जुलूस पोलो मैदान में पहुंचा, जहां यह एक सभा में तब्दील हो गया।
आंदोलन का नेतृत्व करने वाले प्रमुख नेता
मार्च और सभा का नेतृत्व माले के कई वरिष्ठ नेताओं ने किया। इनमें प्रमुख रूप से शामिल थे, पप्पू पासवान (जिला स्थाई समिति सदस्य), शनिचरी देवी, जिला परिषद सदस्य सुमित्रा देवी, हरि पासवान, प्रो. कामेश्वर पासवान (महानगर सचिव), मो. जमालुद्दीन, देवेंद्र कुमार, प्रवीण यादव, शीला देवी, राजदीप राम, सबरी देवी, इनके साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण व आम लोग भी प्रदर्शन में शामिल हुए।
डीसीएलआर के साथ वार्ता, रखी गई मांगें
धरना के दौरान जिलाधिकारी द्वारा नियुक्त दंडाधिकारी डीसीएलआर ने आंदोलनकारियों से वार्ता की। इस दौरान भाकपा(माले) की ओर से वरिष्ठ नेताओं ने अपनी बात रखी।
वार्ता में शामिल प्रमुख नेता थे, इसमें आरके सहनी, अभिषेक कुमार, नंदलाल ठाकुर, अशोक पासवान, बैद्यनाथ यादव ‘छोटू’, लाल बहादुर सदा, विनोद सिंह, इन नेताओं ने प्रशासन के सामने जल संकट की भयावहता को विस्तार से रखा और तत्काल कार्रवाई की मांग की।
नेताओं ने सरकार और जनप्रतिनिधियों पर साधा निशाना
सभा को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने कहा कि पूरा उत्तर बिहार (North Bihar) इस समय सुखाड़ (Drought) की चपेट में है। किसान से लेकर आम जनता तक जल संकट से परेशान हैं। जिले के कई गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है।
नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार और प्रशासन इस गंभीर स्थिति पर चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं, भाजपा-जदयू के जनप्रतिनिधि, जो इसी जिले से जीते हैं, वे जनता की समस्याओं को भूलकर केवल अपने चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं।
सरकार को चेतावनी – “जल्द कार्रवाई नहीं तो होगा बड़ा जनांदोलन”
माले नेताओं ने साफ चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ही दरभंगा के जल संकट और सुखाड़ की स्थिति पर ठोस कदम नहीं उठाया, तो जिले में एक और बड़ा जनांदोलन खड़ा किया जाएगा।
पीने को पानी,सिंचाई सुविधा, आर्थिक मुआवजा
ऐसे में सवाल यही है कि क्या पीने को पानी, सिंचाई सुविधा और आर्थिक मुआवजा को आम जनता जरूरी कदम मान रही। क्या वह समझती है कि दरभंगा जिला को सुखाड़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग जायज है। गांव-गांव और पंचायत स्तर पर नए चापाकल की व्यवस्था की जाए। जरूरतमंद इलाकों में पेयजल आपूर्ति के विशेष इंतजाम किए जाएं। किसानों को सिंचाई सुविधा और आर्थिक मुआवजा तत्काल दिया जाए। ऐसे में क्या जलसंकट इसबार का चुनावी मुद्दा बनेगा?