back to top
12 सितम्बर, 2024
spot_img

बेटी तो सेलिब्रेटी है…| डॉक्टरी छोड़ी, कलम थामी – Darbhanga की कवियित्री Dr.Trisya Shri -‘मैं बेटी बिहार की’

आप पढ़ रहे हैं दुनिया भर में पढ़ा जाने वाला Deshaj Times...खबरों की विरासत का निष्पक्ष निर्भीक समर्पित मंच...चुनिए वही जो सर्वश्रेष्ठ हो...DeshajTimes.COM
spot_img
Advertisement
Advertisement

दरभंगा की बेटी ने रचा इतिहास! ‘मैं बेटी बिहार की’ गीत गूंजा राष्ट्रीय मंचों पर। डॉ त्रिष्या श्री की गूंज: ‘मैं बेटी बिहार की’ गीत ने जीता राज्यपाल से लेकर मंत्रियों का दिल। डॉक्टरी छोड़ी, कलम थामी – दरभंगा की कवियित्री त्रिष्या श्री बनीं बेटियों की पहचान। मैं बेटी बिहार की’ गीत से छाई दरभंगा की कवियित्री, अंतिम ख्वाहिश – मोदी के सामने सुनाना। बेटियों का मान बढ़ाने वाली दरभंगा की बेटी, कवियित्री त्रिष्या श्री की अनोखी कहानी।@प्रभास रंजन, दरभंगा देशज टाइम्स।

‘मैं बेटी बिहार की’ गीत से राष्ट्रीय मंचों पर छा रहीं दरभंगा की कवियित्री डॉ त्रिस्या श्री

दरभंगा, देशज टाइम्स। दरभंगा की बेटी और मशहूर कवियित्री डॉ त्रिस्या श्री ने शुक्रवार को अपने आवास पर प्रेस वार्ता कर बताया कि उनका रचा गीत ‘मैं बेटी बिहार की’ राष्ट्रीय मंचों पर पहचान बना रहा है।

गीत की प्रेरणा और रचना

डॉ त्रिस्या ने कहा कि उन्होंने कई बिहार गीत और कविताएं सुनीं। लेकिन बेटियों को केंद्र में रखकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पेश करने लायक रचना उन्हें नहीं मिली। इसी से प्रेरित होकर उन्होंने ‘मैं बेटी बिहार की’ गीत लिखा। गीत की रचना, लय, संगीत और स्वर उन्होंने स्वयं दिया है।

यह भी पढ़ें:  Darbhanga के सिंहवाड़ा में एक ही रात में उजड़े 5 परिवार, रातभर कहर! लोगों को कमरे में बंद कर 5 घरों से 11 लाख की चोरी, Singhwara गुस्से में

राज्यपाल और मंत्रियों के बीच प्रस्तुति

हाल ही में पटना में एक कार्यक्रम के दौरान इस गीत को पहली बार प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में राज्यपाल डॉ आरिफ मोहम्मद खान, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, मंत्री डॉ अशोक चौधरी, मदन सहनी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। राज्यपाल समेत सभी अतिथियों ने गीत की खूब सराहना की और कहा कि “बेटियाँ अगर ठान लें तो दुनिया बदल सकती हैं”

प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करने की अभिलाषा

डॉ त्रिस्या श्री ने कहा कि उनकी अंतिम इच्छा है कि यह गीत वे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष प्रस्तुत करें। इस गीत में उन्होंने उन बिहार की बेटियों का चरित्र चित्रण भी किया है जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में राज्य का नाम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया है

शौक के लिए छोड़ा डॉक्टरी पेशा

डॉ त्रिस्या ने कहा कि लोग अकसर अपने शौक छोड़कर पेशा अपनाते हैं, लेकिन उन्होंने अपने डॉक्टरी पेशे को छोड़कर साहित्यिक शौक को अपनाया। खुद को वे “एक्सीडेंटल राइटर” कहती हैं। उनकी पहली किताब तब प्रकाशित हुई जब वे सिर्फ 18 वर्ष की थीं। वे प्रेम की कवित्री मानी जाती हैं, लेकिन सामाजिक विषयों पर भी लिखती हैं।

यह भी पढ़ें:  देसी पिस्तौल रखने की बड़ी कीमत! 25 साल बाद Darbhanga Court का बड़ा आदेश- रवींद्र सिंह को 3 साल कैद और 4 हजार जुर्माना

परिवार का सहयोग:पिता डॉ सुभाष सिंह थे साथ

साहित्यिक करियर चुनने पर भी उनके पेरेंट्स ने हमेशा हौसला बढ़ाया। प्रेस वार्ता के दौरान उनके पिता डॉ सुभाष सिंह भी उपस्थित रहे।

जरूर पढ़ें

दरभंगा में कमला बौराईं – स्कूल बंद, सड़कें जलमग्न, लोग नाव पर, गांवों का संपर्क टूटा

कमला नदी उफान पर! घनश्यामपुर के आधा दर्जन गांव डूबे पानी में। घनश्यामपुर में...

प्राकृतिक खेती के करीब, दरभंगा के 10 प्रखंडों की 20 कृषि सखियों ने जाना ब्रह्मास्त्र, नीमास्त्र, जीवामृत, बीजामृत के अमृतप्रयोग…जीवंत हो उठी उर्वरा

जाले, दरभंगा, देशज टाइम्स | कृषि विज्ञान केन्द्र, जाले में आयोजित पांच दिवसीय प्राकृतिक...

Darbhanga DM Kaushal Kumar ने सुनी जनता की फरियाद, On The Spot समाधान

दरभंगा, देशज टाइम्स। जिलाधिकारी कौशल कुमार ने शुक्रवार को अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित...

Public Hearing में Darbhanga SSP Jagunath Reddi ने क्या कहा, कितने पहुंचे फरियादी

Public Hearing में Darbhanga SSP Jagunath Reddi ने क्या कहा, कितने पहुंचे फरियादी|जहां दरभंगा...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें