भविष्य के उद्योगों की आधारशिला: MeitY और C-DAC की पहल: छात्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने वाला बूटकैंप। दरभंगा में 3D प्रिंटिंग का ज्ञान समागम, छात्रों को मिला हैंड्स-ऑन अनुभव। दरभंगा का DCE बना नवाचार का केंद्र! MeitY और C-DAC का संगम: GEC मधुबनी और DCE दरभंगा में दो दिवसीय 3D प्रिंटिंग प्रशिक्षण@दरभंगा देशज टाइम्स।
छात्रों ने सीखी एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग तकनीक
छात्रों ने सीखी एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग तकनीक। CAD से प्रोटोटाइप तक: DCE दरभंगा में 3D प्रिंटिंग का व्यावहारिक अनुभव। C-DAC प्रशिक्षकों ने कराया छात्रों को 3D मॉडलिंग और प्रोटोटाइप निर्माण में मास्टरी। 3D प्रिंटिंग बूटकैम्प में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को मिला सम्मान@दरभंगा देशज टाइम्स।
दरभंगा में 3D प्रिंटिंग-एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग पर बूटकैंप
दरभंगा, देशज टाइम्स: इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), भारत सरकार द्वारा प्रायोजित और C-DAC, कोलकाता द्वारा विकसित “फिनिशिंग स्कूल प्रोग्राम ऑन 3D प्रिंटिंग एवं एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग तकनीक” पर दो दिवसीय बूटकैम्प का सफल आयोजन किया गया।
आयोजन स्थल और प्रतिभागी
यह बूटकैम्प विशेष रूप से गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज (GEC) मधुबनी के छात्रों के लिए आयोजित किया गया। कार्यक्रम का पहला दिन 22 सितम्बर 2025 को GEC मधुबनी परिसर में हुआ।
दूसरा दिन 23 सितम्बर 2025 को दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (DCE), दरभंगा के अत्याधुनिक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस लैब में संपन्न हुआ। DCE प्राचार्य डॉ. संदीप तिवारी ने इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में विशेष योगदान दिया। उनकी दूरदर्शिता और सक्रिय सहयोग ने बूटकैम्प को एक व्यावहारिक और उपयोगी दिशा प्रदान की।
कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता और प्रशिक्षक
सशांक सौरव, विभागाध्यक्ष और राहुल कुमार, सहायक प्राध्यापक, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग ने छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नई तकनीकों का अध्ययन छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। साथ ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की भूमिका की सराहना करते हुए C-DAC कोलकाता और DCE दरभंगा का आभार व्यक्त किया।
C-DAC के प्रशिक्षकों में आदर्श आनंद, जयप्रकाश कुमार, शारदा कुमारी, इन प्रशिक्षकों ने तकनीकी सत्रों का संचालन किया। प्रशिक्षण में शामिल विषयों CAD आधारित 3D मॉडलिंग, डिज़ाइन पैरामीटर्स का अनुकूलन, स्लाइसिंग तकनीक और G-code जेनरेशन, प्रोटोटाइप निर्माण, प्रैक्टिकल 3D प्रिंटिंग प्रक्रियाएं पर विमर्श के साथ ज्ञान बांटा। वहीं, छात्रों को वास्तविक प्रोजेक्ट्स के माध्यम से हैंड्स-ऑन अनुभव प्राप्त हुआ।
पुरस्कार और सम्मान
कार्यक्रम के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शीर्ष तीन प्रतिभागियों को Certificates of Appreciation देकर सम्मानित किया गया, जिससे छात्रों का उत्साह और भी बढ़ा।
धन्यवाद ज्ञापन…MeitY, C-DAC और DCE का संयुक्त प्रयास
कार्यक्रम के अंत में प्रो. प्रफुल चंद्र ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया:
“3D प्रिंटिंग केवल निर्माण तकनीक नहीं है, बल्कि यह भविष्य के उद्योगों की आधारशिला है। यह परियोजना, जो C-DAC कोलकाता की ओर से MeitY के अंतर्गत विकसित की गई है, छात्रों को उन्नत विनिर्माण तकनीकों से परिचित कराने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह बूटकैंप युवाओं में नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करने एवं उन्हें भविष्य की औद्योगिक जरूरतों के अनुरूप प्रशिक्षित करने की दिशा में MeitY, C-DAC और DCE का एक संयुक्त एवं प्रभावशाली प्रयास है।”