जाले, दरभंगा | शारदीय नवरात्रा के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा वैदिक विधि से संपन्न हुई। पूजा के लिए बुधवार को अहले सुबह से ही विभिन्न सड़कों पर भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिली।
महिला, किशोरियों और बच्चों की विशेष भागीदारी
पूजा के प्रथम दिन से ही महिला, किशोरियों और बच्चियों की भारी भीड़ देखी गई।
पूजा समिति के सदस्यगण भीड़ प्रबंधन में काफी तत्पर दिखाई दिए।
समिति ने बताया कि षष्ठी से पूजा स्थल पर महिला और पुरुष के लिए बांस बल्ला लगाकर अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी।
प्रमुख पूजा स्थल और भीड़ का विवरण
प्रखंड क्षेत्र के घोघराहा, जोगियारा, जाले, राढ़ी पश्चिमी, ब्रह्मपुर पश्चिमी एवं पूर्वी, रतनपुर में विशेष रूप से महिलाओं, किशोरियों और बच्चियों की संख्या पुरुषों से अधिक रही।
रतनपुर के रत्नेश्वरी स्थान सहित सभी पूजा स्थलों पर अहले सुबह से दुर्गा सप्तशती पाठ का आयोजन लगातार चलता रहा, जिससे पूजा स्थल भक्तिमय वातावरण में परिवर्तित हो गया।
संध्या आरती और प्रसाद वितरण
संध्या आरती के समय सभी दुर्गा पूजा स्थलों पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचते दिखे।
पूजा-पंडालों में भीड़ इतनी अधिक थी कि तिल रखने की जगह भी मुश्किल से मिल रही थी।
राढ़ी पश्चिमी दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष मायाशंकर प्रसाद, जालेश्वरी दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष रतन कुमार मेहता, और सचिव देव नारायण मेहता ने बताया कि नवरात्रि के प्रथम दिन से ही भगवती प्रतिमा के समीप अधिकांश महिलाएं, किशोरियां और बच्चियां संध्या में दीपदान करती हैं।
आरती के उपरांत सभी श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया जाता है।
प्रातः आरती में संध्या के अपेक्षा भीड़ कम रहती है।