बिहार सरकार ने शिक्षा और शिक्षकों को लेकर का बड़ा फैसला किया है। अब हर स्कूल में शिक्षकों की नियमित उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति पर सख्त नियम लागू करते हुए पालन न करने पर कार्रवाई की सख्त चेतावनी दी गई है।@पटना, देशज टाइम्स।
30 सितंबर तक सभी स्कूलों से उपस्थिति रिपोर्ट मांगी
जानकारी के अनुसार, सरकारी स्कूलों में पढ़ाई अब नहीं रुकेगी। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने नए मानक तय किए हैं। इसके तहत, शिक्षकों की छुट्टियों पर रोक रहेगी। मकसद यह कि अब बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी। 30 सितंबर तक सभी स्कूलों से उपस्थिति रिपोर्ट मांगी गई, शिक्षा विभाग करेगा सख्ती।@पटना, देशज टाइम्स।
र्द्धवार्षिक परीक्षा का रिजल्ट 27 सितंबर को
बिहार के सरकारी स्कूलों में सुधार के लिए शिक्षा विभाग का नया कदम सराहनीय माना जा रहा है। इससे छात्रों को लाभ मिलेगा। वहीं, अर्द्धवार्षिक परीक्षा का रिजल्ट 27 सितंबर को निकलेगा इसके लिए माता-पिता-शिक्षक मीटिंग में विवरण के लिए आना होगा।@पटना, देशज टाइम्स।
शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य, मिलें गैरहाजिर तो कार्रवाई तय
शिक्षकों की जिम्मेदारी और अनुशासन बढ़ाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए ग्रामीण इलाकों में बच्चों की पढ़ाई अब नियमित हो इसपर जोर दिया है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य कर दिया गया है। पालन न करने पर सख्त कार्रवाई होगी।@पटना, देशज टाइम्स। पढ़िए खबर विस्तार से
बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सख्त
पटना देशज टाइम्स: बिहार सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहतर बनाने के लिए लगातार नए कदम उठा रही है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की उपस्थिति को अनिवार्य करने वाला नया नियम लागू किया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कक्षाओं की पढ़ाई प्रभावित न हो और बच्चों को नियमित शिक्षा मिले।
नए नियम का विवरण
प्राथमिक विद्यालय: प्रतिदिन कम से कम तीन शिक्षक उपस्थित होंगे। मध्य विद्यालय: प्रतिदिन कम से कम पांच शिक्षक उपस्थित होंगे। अगर किसी स्कूल में निर्धारित संख्या से कम शिक्षक पाए जाते हैं, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शिकायतों के बाद सख्ती
विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई शिक्षक एक साथ छुट्टी ले लेते हैं, जिससे कक्षाओं का संचालन प्रभावित होता था। अब एक ही दिन में कई शिक्षकों को छुट्टी लेने की अनुमति नहीं होगी, जिससे छात्रों को नियमित पढ़ाई का लाभ मिलेगा।
स्कूलों से रिपोर्ट की मांग
शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों से 30 सितंबर तक शिक्षकों की उपस्थिति रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपने का निर्देश दिया है। इससे विभाग यह आकलन करेगा कि नए नियमों का पालन कितनी गंभीरता से किया जा रहा है।
छात्रों की पढ़ाई पर असर
शिक्षकों की नियमित उपस्थिति से बच्चों की पढ़ाई अधूरी नहीं रहेगी। ग्रामीण इलाकों में यह समस्या विशेष रूप से देखी गई थी। नियमित उपस्थिति से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और अभिभावकों का सरकारी स्कूलों पर भरोसा बढ़ेगा।
अर्द्धवार्षिक परीक्षा का परिणाम
10 से 18 सितंबर तक आयोजित अर्द्धवार्षिक परीक्षा का परिणाम 27 सितंबर को प्रकाशित किया जाएगा। परिणाम पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग के दौरान अभिभावकों को दिया जाएगा। यह पहल अभिभावकों को बच्चों की पढ़ाई की स्थिति से अवगत कराने के उद्देश्य से की गई है।
जिम्मेदारी और अनुशासन
शिक्षा विभाग का यह कदम शिक्षकों में जिम्मेदारी और अनुशासन बढ़ाएगा। निर्देश का उल्लंघन करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नियम लागू होने से सरकारी स्कूलों में पढ़ाई व्यवस्थित होगी और छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।