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26 सितम्बर, 2024
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Darbhanga में अंतरराष्ट्रीय AI संगोष्ठी, विशेषज्ञों ने बताया भविष्य की तकनीकी दिशा, फेक टेक्नोलॉजी और डेटा गोपनीयता पर भी चर्चा

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दरभंगा | ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने शुक्रवार को सीएम साइंस कॉलेज में पीजी भौतिकी विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 'Artificial Intelligence: Recent Trends and Future Implications' का शुभारंभ किया।

कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने कहा

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) वह तकनीक है जो आमतौर पर मानवीय बुद्धिमत्ता से जुड़े कार्यों को करने में सक्षम होती है।

1956 में इसकी स्थापना अकादमिक अनुशासन के रूप में हुई थी और तब से यह क्षेत्र कई प्रगति और चुनौतीपूर्ण दौर से गुजरा है।

उन्होंने बताया कि 2020 के दशक में जनरेटिव एआई ने तेजी से प्रगति की है, जिससे अनपेक्षित सफलताएँ भी मिली हैं और कुछ नुकसान भी हुए हैं।

उद्घाटन सत्र और संगोष्ठी के उद्देश्य

  • संगोष्ठी के संरक्षक और महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. संजीव कुमार मिश्र ने कहा कि यह आयोजन छात्रों और शिक्षकों के लिए बेहद उपयोगी होगा।

  • छात्रों और शोधकर्ताओं को एआई के विभिन्न पहलुओं, अनुप्रयोग और सामाजिक-नैतिक प्रभावों पर मार्गदर्शन मिलेगा।

  • झारखंड की प्रमुख शोध संस्थान विनियम रिसर्च एसोसिएशन ने महाविद्यालय के साथ सहयोग किया।

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AI केवल तकनीक नहीं, बल्कि…

  • प्रो. ए. के. नायक (इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, नागालैंड) ने कहा कि एआई का अनुप्रयोग अनुसंधान और बहुआयामी प्रतिस्पर्धा में महत्वपूर्ण हो गया है। साथ ही, डेटा गोपनीयता, मॉडल बायस, पारदर्शिता और जवाबदेही जैसे मुद्दों पर गंभीर चिंतन आवश्यक है।

  • डा. ओ. पी. राय ने एआई को केवल तकनीक नहीं, बल्कि सामाजिक, न्यायपूर्ण, नैतिक और समावेशी शक्ति के रूप में विकसित करने पर जोर दिया।

  • डा. एम. एस. रजा (वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा) ने कहा कि एआई अब प्रयोगशाला तक सीमित नहीं रही, बल्कि वास्तविक जीवन के अनुप्रयोगों में गहराई से समाहित हो चुकी है।

  • प्रो. रोहित सिंह (आईआईबीएम और जाकिर हुसैन इंस्टीट्यूट, पटना) ने चेतावनी दी कि विकास की संभावनाएँ असीमित हैं, लेकिन चुनौतियों को अनदेखा करने पर एआई का प्रभाव विषम हो सकता है।

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तकनीकी, सामाजिक और आर्थिक संभावनाओं पर चर्चा 

  • तकनीकी सत्र के अध्यक्ष: डा. एस. एन. सिंह (सीएम साइंस कॉलेज के सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष)

  • संचालन: डा. अभिषेक शेखर

  • धन्यवाद ज्ञापन: डा. आदित्यनाथ मिश्रा

  • आयोजन सचिव: डा. अजय कुमार ठाकुर, डा. सुजीत कुमार चौधरी, डा. रश्मि रेखा, डा. रवि रंजन, प्रवीण कुमार झा, डा. रोहित कुमार झा

  • छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

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संगोष्ठी में एआई की तकनीकी, सामाजिक और आर्थिक संभावनाओं पर गहन चर्चा हुई और छात्रों को अपने ज्ञान और शोध को आगे बढ़ाने का अवसर मिला।

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