एकलव्य विद्यालय भर्ती में संस्कृत शिक्षक गायब। दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति ने जताया कड़ा एतराज। दरभंगा संस्कृत विवि के कुलपति ने लिखा पत्र—भर्ती अधिसूचना में संशोधन की उठाई मांग। कहा- संस्कृत शिक्षकों के लिए पद विलोपित करना चिंताजनक। कुलपति ने मंत्रालय से की मांग—संस्कृत को भर्ती सूची में शामिल करें। NEP 2025 का हवाला देकर संस्कृत विषय को मूल शिक्षा से जोड़ने की अपील।@दरभंगा देशज टाइम्स।
संस्कृत शिक्षकों के पद विलोपित करना चिंतनीय:
IIT से लेकर आर्ट्स तक हर जगह संस्कृत, तो एकलव्य विद्यालय में क्यों नहीं? प्रधानमंत्री के भाषणों में संस्कृत उद्धरण, पर भर्ती में संस्कृत गायब। IIT से लेकर आर्ट्स तक हर जगह संस्कृत, तो एकलव्य विद्यालय में क्यों नहीं? प्रधानमंत्री के भाषणों में संस्कृत उद्धरण, पर भर्ती में संस्कृत गायब। संस्कृत की अनदेखी पर विश्वविद्यालय ने उठाई आवाज़, पत्र भेजकर जताई चिंता@दरभंगा देशज टाइम्स।
जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव को लिखा पत्र, अधिसूचना संशोधित करने की मांग
दरभंगा | 27 सितंबर 2025
जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की संस्था राष्ट्रीय शिक्षा सोसायटी द्वारा एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के लिए 19 सितम्बर को जारी भर्ती अधिसूचना में संस्कृत विषय के शिक्षकों के लिए पद शामिल न किए जाने पर कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. लक्ष्मीनिवास पांडेय ने गहरा एतराज जताया है।
उन्होंने मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर भर्ती अधिसूचना में संशोधन करते हुए संस्कृत शिक्षकों के लिए भी पद सुनिश्चित करने की मांग की है।
संस्कृत की उपेक्षा पर चिंता
कुलपति प्रो. पांडेय ने पत्र में कहा है कि:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने “My Idea of India” के उद्घोषों में संस्कृत के अनेक उद्धरण दिए हैं। वे राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारतीय ज्ञान परंपरा और उसके मूल संस्कृत के संवर्धन पर विशेष जोर देते रहे हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2025 में भी विद्यार्थियों को भारतीय ज्ञान परंपरा से जोड़ने पर जोर दिया गया है। इसी कारण आईआईटी, इंजीनियरिंग, विज्ञान, कला और संगीत जैसे क्षेत्रों में भी संस्कृत पढ़ाने की व्यवस्था की जा रही है।
पूर्व में थे संस्कृत के पद, जानिए PRO निशिकांत ने क्या बताया
विश्वविद्यालय के पीआरओ निशिकांत ने बताया कि कुलपति ने पत्र में उल्लेख किया है कि राष्ट्रीय शिक्षा सोसायटी की अधिसूचना में भारत की सभी मुख्य भाषाओं के अध्यापकों की रिक्तियां अधिसूचित की गई हैं। लेकिन संस्कृत भाषा के पदों का उल्लेख नहीं किया जाना चिंतनीय है। पूर्व में यहां संस्कृत शिक्षकों के पद होते रहे हैं।
संशोधन की अपील
कुलपति ने निवेदन किया है कि संस्कृत के सार्वकालिक औचित्य और महत्व को देखते हुए जनजातीय छात्रों के हित में अधिसूचना में संशोधन कर संस्कृत शिक्षकों के पदों को शामिल किया जाए और संशोधित अधिसूचना जारी की जाए।