अलीनगर,दरभंगा देशज टाइम्स: कड़ाके की ठंड और गेहूं की बुवाई का समय। सरकारी बीज लेने पहुंचे किसानों की लंबी कतारें लगी थीं, लेकिन जब उन्हें बताया गया कि उन्हें सिर्फ गेहूं मिलेगा, बाकी दलहनी-तिलहनी फसलें नहीं, तो आक्रोश भड़क उठा। अब सवाल यह है कि क्या इन किसानों को समय पर बीज मिल पाएगा या उन्हें आंदोलन का रास्ता चुनना होगा?
सरकारी बीज के लिए किसानों की जद्दोजहद
दरभंगा के अलीनगर प्रखंड क्षेत्र के किसानों को सरकारी बीज प्राप्त करने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। सोमवार को प्रखंड कृषि भवन पर गेहूं बीज वितरण के लिए सुबह से ही किसानों की लंबी कतारें देखी गईं। निर्धारित व्यवस्था के अनुसार, प्रतिदिन तीन पंचायतों के किसानों को सूचित कर बीज वितरण के लिए बुलाया जा रहा है। इसी क्रम में गरौल, हनुमाननगर और धामुआरा-धमसाइन पंचायत के किसानों को फिंगरप्रिंट वेरिफिकेशन के बाद बीज वितरित किया जाना था।
हालांकि, किसानों का गुस्सा उस समय भड़क उठा, जब उन्हें पता चला कि गेहूं के बीज के साथ मसूर, मटर, सरसों और चना जैसी दलहनी व तिलहनी फसलों के बीज उपलब्ध नहीं हैं। किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ा, जिससे उनमें भारी निराशा देखने को मिली।
क्यों खाली हाथ लौटे किसान?
किसानों का आरोप है कि हर वर्ष इसी तरह बीज की कमी हो जाती है, जिससे समय पर खेती करने में उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। मजबूरी में किसानों को बाजार से महंगे दामों पर मटर, मसूर, सरसों और गेहूं के बीज खरीदने पड़ते हैं, जिससे उनकी लागत बढ़ जाती है। इस साल भी ऐसी ही स्थिति होने से वे चिंतित हैं।
कृषि पदाधिकारी ने दिया आश्वासन, बुधवार को मिलेंगी सभी फसलें
इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी रामकुमार मंडल ने जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार को हरसिंगपुर, अलीनगर और मोतीपुर पंचायत के किसानों को सर्वर काम न करने के कारण ऑनलाइन बिलिंग नहीं हो पाई थी। उस दिन सभी किसानों को एक किसान पंजीयन पर 40 किलोग्राम का गेहूं बीज का बैग दिया गया था, लेकिन ऑनलाइन बिलिंग की समस्या के चलते परेशानी हो रही थी।
मंडल ने बताया कि अब बिल काटने के बाद ही बीज दिया जाएगा, ताकि सभी किसानों को सभी फसलों के बीज उपलब्ध कराए जा सकें। इसके लिए गरौल, हनुमाननगर और धामुआरा-धमसाइन पंचायत के किसानों सहित सभी संबंधित किसानों को बुधवार को बुलाया गया है, ताकि उन्हें सभी आवश्यक बीज मिल सकें।
आंदोलन की चेतावनी
सोमवार को बीज के लिए पहुंचे गरौला, हनुमाननगर और धमुआरा-धमसाइन पंचायत के किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ा। इन किसानों में विद्यानन्द यादव, मो. सलीम, जमुना देवी, फूलो देवी, श्रीवती देवी, सुदामा देवी, ममता देवी, अनीता देवी, संतोष चौपाल, नीलम देवी और कमलेश यादव शामिल थे। इन किसानों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि बुधवार को उन्हें सभी आवश्यक बीज नहीं मिलते हैं, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।




