back to top
27 नवम्बर, 2025

मिथिला नगरी में गूंजी सीताराम के विवाह की मंगल ध्वनि, ठाकुरबाड़ियों में उमड़ा आस्था का सैलाब

spot_img
spot_img
- Advertisement - Advertisement

दरभंगा न्यूज: मिथिला की पावन धरा, जहां राम और सीता के विवाह की सदियों पुरानी गाथा आज भी कण-कण में गूंजती है. एक बार फिर वही मंगल घड़ी आई, जब ठाकुरबाड़ियों में प्रेम और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला. आखिर कैसा था यह अलौकिक विवाह उत्सव, जिसने पूरी नगरी को भक्ति के रंग में रंग दिया?

- Advertisement - Advertisement

भक्तिमय हुआ दरभंगा का माहौल

दरभंगा जिले में भगवान राम और माता सीता के विवाह का पावन पर्व ‘सीताराम विवाह उत्सव’ बड़े ही हर्षोल्लास और भक्तिमय वातावरण में मनाया गया. इस विशेष अवसर पर जिले की सभी प्रमुख ठाकुरबाड़ियों (राम-जानकी मंदिरों) में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. हर तरफ उत्सव का माहौल था और पूरा शहर भक्ति के रंग में रंगा हुआ दिखाई दिया.

- Advertisement - Advertisement
यह भी पढ़ें:  बिजली की चिंगारी से दहका मवेशी घर, रंजीत राम का लाखों का नुकसान

मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया था. रंग-बिरंगी रोशनी और फूलों से सजे गर्भगृह मनमोहक लग रहे थे. विवाह के पारंपरिक गीतों और भजनों से पूरा वातावरण गुंजायमान था, जिससे श्रद्धालुओं का मन पूरी तरह से भक्ति में लीन हो गया.

- Advertisement -

भजनों की अविरल धारा और श्रद्धालुओं का उत्साह

उत्सव के दौरान ठाकुरबाड़ियों से भजनों की अविरल रसधारा बहती रही. प्रातःकाल से लेकर देर रात तक भक्तगण भगवान राम और माता सीता के विवाह के मंगल गीत गाते रहे. विभिन्न टोलियों में आए श्रद्धालु नाचते-गाते हुए अपनी आस्था का प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान कई जगहों पर विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों का भी आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

यह भी पढ़ें:  Darbhanga में सड़क निरीक्षण करने गए अधिकारी से मारपीट, रंगदारी की मांग; सरकारी काम में बाधा

उत्सव के प्रमुख आकर्षणों में शामिल थे:

  • भगवान राम और माता सीता की प्रतिमाओं का विशेष श्रृंगार
  • विवाह मंडप की स्थापना और पारंपरिक वैवाहिक रस्में
  • विशेष आरती और प्रसाद वितरण
  • भक्तों द्वारा भजन-कीर्तन और रामचरितमानस का पाठ

आस्था और परंपरा का अनूठा संगम

सीताराम विवाह उत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह मिथिला की सांस्कृतिक विरासत और परंपरा का भी प्रतीक है. यह पर्व भगवान राम और माता सीता के पवित्र बंधन को याद दिलाता है और मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाता है. इस उत्सव के माध्यम से समाज में प्रेम, सद्भाव और धार्मिक एकजुटता का संदेश प्रसारित होता है. दरभंगा में मनाए गए इस उत्सव ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि यहां के लोगों की आस्था अटूट है और वे अपनी प्राचीन परंपराओं को पूरे उत्साह के साथ जीवित रखे हुए हैं.

यह भी पढ़ें:  नशा मुक्ति दिवस पर दरभंगा में छात्रों का दिखा दम, वाद-विवाद प्रतियोगिता में अभिराज ने मारी बाजी

यह पूरा आयोजन श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और आनंद का स्रोत बना रहा, जिससे दरभंगा नगरी का माहौल कई दिनों तक भक्तिमय बना रहा.

- Advertisement -

जरूर पढ़ें

पूर्णिया के GD गोयनका पब्लिक स्कूल ने लहराया परचम, निरीक्षण टीम ने जमकर की तारीफ

पूर्णिया न्यूज़: शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करना किसी भी संस्थान के लिए...

IAS संजीव हंस के करीबी ठेकेदार रिशुश्री पर ED का शिकंजा, 9 ठिकानों पर छापेमारी में 33 लाख कैश बरामद

राजधानी पटना सहित बिहार के कई शहरों में शुक्रवार की सुबह से ही सरकारी...

रोसड़ा नगर परिषद में बड़ी कार्रवाई: कार्यपालक पदाधिकारी के ठिकानों से करोड़ों की नकदी-जेवर बरामद, मचा हड़कंप

समस्तीपुर। रोसड़ा से एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसने पूरे नगर परिषद क्षेत्र...

ऑपरेशन थिएटर में मरीज, डॉक्टर साहब घर पर! मुजफ्फरपुर MCH में जान से खिलवाड़ पर मचा बवाल

मुजफ्फरपुर न्यूज़ बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर अक्सर सवाल उठते हैं, लेकिन इस बार मुजफ्फरपुर...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें