दरभंगा न्यूज़: मिथिला की पावन धरती पर मंगलवार को एक ऐसा अद्भुत नज़ारा देखने को मिला, जिसने हर किसी को त्रेतायुग की याद दिला दी। सिया-पिया निवास से जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की भव्य बारात निकली, तो पूरा शहर भक्ति में डूब गया और हर तरफ उत्साह का सैलाब उमड़ पड़ा।
सिया-पिया निवास परिसर से श्रीसीता-राम विवाह उत्सव के उपलक्ष्य में यह ऐतिहासिक बारात शोभायात्रा निकाली गई। भगवान राम के विवाह की यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, जिसे इस वर्ष भी पूरी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया गया। आयोजनकर्ताओं ने इस अवसर को यादगार बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की थीं।
भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम
सुबह से ही सिया-पिया निवास के आसपास श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी थी। दोपहर होते-होते यह भीड़ एक विशाल जनसैलाब में बदल गई, जो भगवान राम की बारात के दर्शन के लिए आतुर थी। बारात में शामिल विभिन्न झांकियां, पारंपरिक वाद्य यंत्रों की गूंज और श्रद्धालुओं द्वारा लगाए जा रहे ‘जय सियाराम’ के जयकारे पूरे वातावरण को भक्तिमय बना रहे थे।
शोभायात्रा में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी के स्वरूपों को लिए कई रथ शामिल थे। इन रथों को फूलों और रंग-बिरंगी रोशनी से आकर्षक ढंग से सजाया गया था। बारात के आगे-आगे चल रहे बैंड-बाजे और भक्ति संगीत की धुनें लोगों को झूमने पर मजबूर कर रही थीं। शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरती इस बारात पर जगह-जगह पुष्पवर्षा की गई।
मिथिला की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक
मिथिला नगरी में सीता-राम विवाह उत्सव का विशेष महत्व है, क्योंकि यह माता सीता की जन्मभूमि मानी जाती है। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह मिथिला की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को भी दर्शाता है। बारात में शामिल होने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु दरभंगा पहुंचे थे।
इस भव्य शोभायात्रा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भगवान राम और सीता माता के प्रति लोगों की आस्था अटूट है। देर शाम तक चली इस बारात ने शहर को भक्ति के रंग में सराबोर कर दिया और सभी श्रद्धालुओं के मन में एक अविस्मरणीय छाप छोड़ी।







