दरभंगा से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने शैक्षणिक गलियारों में हलचल मचा दी है. जिस कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में ज्ञान की गंगा बहती है, वहां मंगलवार को पूरे दिन कामकाज ठप रहा. आखिर ऐसी क्या नौबत आ गई कि कर्मचारियों को अनिश्चितकालीन हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ा?
मंगलवार का दिन कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए सामान्य नहीं रहा. सुबह से लेकर शाम तक, विश्वविद्यालय परिसर में आमतौर पर दिखने वाली गहमागहमी गायब थी. सभी प्रशासनिक और शैक्षणिक गतिविधियां पूरी तरह से थम गईं. छात्र हों या कर्मचारी, सभी इस अप्रत्याशित बंदी से प्रभावित हुए.
पूरे दिन ठप रहा कामकाज
विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और कार्यालयों में ताले लटके रहे. कोई भी कर्मचारी अपनी मेज पर नहीं दिखा. यह स्थिति तब बनी जब कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया. इस घोषणा के बाद से ही विश्वविद्यालय का माहौल बदल गया था.
कर्मचारियों के इस कदम से विश्वविद्यालय का दैनिक कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है. नामांकन, परीक्षा संबंधित कार्य, प्रशासनिक बैठकें और अन्य महत्वपूर्ण कामकाज पूरी तरह से रुक गए हैं. इससे न केवल छात्रों के भविष्य पर असर पड़ रहा है, बल्कि विश्वविद्यालय के सुचारु संचालन पर भी सवाल उठ रहे हैं.
कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल
फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि कर्मचारियों की यह हड़ताल कब तक जारी रहेगी और उनकी मुख्य मांगें क्या हैं, क्योंकि मूल खबर में इन विवरणों का उल्लेख नहीं है. लेकिन इतना तय है कि जब तक यह गतिरोध समाप्त नहीं होता, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में कामकाज सामान्य नहीं हो पाएगा, और इसकी कीमत छात्रों और शैक्षणिक व्यवस्था को चुकानी पड़ेगी.







