बिहार में बदलेगी उद्योगों की तस्वीर? सरकार का नया SEZ प्लान, मखाना-शहद पर खास फोकस
पटना: बिहार के खेतों से निकली फसल अब सीधे दुनिया के बाजार में अपनी धाक जमाने को तैयार है. राज्य सरकार ने एक ऐसा मास्टरप्लान तैयार किया है, जिससे प्रदेश के उद्योगों, खासकर निर्यात को पंख लग सकते हैं. उद्योग मंत्री ने उस योजना का खुलासा किया है, जिसका लक्ष्य बिहार को औद्योगिक राज्यों की अगली कतार में खड़ा करना है.
बिहार के उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि राज्य सरकार निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक आक्रामक रणनीति पर काम कर रही है. इसके तहत, बिहार में नए घोषित विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) का लाभ उठाते हुए निर्यात-केंद्रित इकाइयों की स्थापना को प्राथमिकता दी जाएगी. इस कदम का मकसद बिहार के औद्योगिक विकास को नई रफ्तार देना है.
क्या है सरकार का नया एक्सपोर्ट प्लान?
उद्योग मंत्री के अनुसार, सरकार का पूरा ध्यान राज्य की निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने पर है. इसके लिए विश्व स्तरीय प्रोसेसिंग और पैकेजिंग के बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर जोर दिया जाएगा. नए SEZ में ‘स्टार एक्सपोर्ट हाउस’ और विशेष रूप से निर्यात पर केंद्रित इकाइयों (Export-Oriented Units) को स्थापित करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास किए जाएंगे. इन कदमों से बिहार में बने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक नई पहचान मिलेगी.
मखाना और शहद पर विशेष ध्यान
इस पूरी योजना के केंद्र में बिहार के दो प्रमुख उत्पाद- मखाना और शहद हैं. सरकार इन दोनों उत्पादों के लिए विशेष निर्यात क्लस्टर विकसित करेगी. इसका उद्देश्य इन उत्पादों को एक ग्लोबल ब्रांड के रूप में स्थापित करना है. इस योजना के मुख्य लक्ष्य हैं:
- मखाना और शहद के लिए विश्व स्तरीय प्रोसेसिंग सुविधाएं तैयार करना.
- उत्पादों की आधुनिक और आकर्षक पैकेजिंग सुनिश्चित करना.
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिहार के उत्पादों की प्रतिस्पर्धा क्षमता को बढ़ाना.
- बिहार को देश के अग्रणी औद्योगिक राज्यों की श्रेणी में शामिल करना.
SEZ से कैसे बदलेगी तस्वीर?
विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) किसी भी राज्य के औद्योगिक विकास में एक इंजन की तरह काम करते हैं. यहां कंपनियों को व्यापार करने में आसानी होती है और उन्हें बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मिलता है. बिहार सरकार की योजना SEZ के इसी मॉडल का उपयोग करके एक ऐसा माहौल बनाने की है, जहां से निर्यातक आसानी से अपना सामान दुनिया भर में भेज सकें. इससे न केवल राज्य का राजस्व बढ़ेगा, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. सरकार का यह कदम बिहार की आर्थिक तस्वीर बदलने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है.







