पटना न्यूज़: बिहार में सत्ता परिवर्तन के साथ ही क्या खेल और खिलाड़ियों की तस्वीर भी बदलने वाली है? नई खेल मंत्री ने कुर्सी संभालते ही एक ऐसा ऐलान कर दिया है, जिससे राज्य के हज़ारों एथलीट्स की उम्मीदें आसमान पर हैं।
बिहार की नई खेल मंत्री और अर्जुन अवार्डी शूटर श्रेयसी सिंह ने पदभार ग्रहण करते ही एक्शन मोड में आ गई हैं। उन्होंने राज्य के खिलाड़ियों के लिए एक ऐसी घोषणा की है, जिसका इंतजार लंबे समय से किया जा रहा था। श्रेयसी सिंह ने ऐलान किया है कि अब राष्ट्रीय खेलों (National Games) की तर्ज पर बिहार में भी हर दो साल में ‘बिहार राज्य खेल’ (Bihar State Games) का आयोजन किया जाएगा।
क्या है खेल मंत्री का बड़ा ऐलान?
मंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद श्रेयसी सिंह ने स्पष्ट किया कि उनका लक्ष्य बिहार में खेल के माहौल को बेहतर बनाना है। इसी दिशा में उन्होंने अपना पहला बड़ा फैसला लेते हुए ‘बिहार स्टेट गेम्स’ के आयोजन की घोषणा की। यह आयोजन हर दो साल के अंतराल पर होगा और इसका मुख्य उद्देश्य राज्य के कोने-कोने से खेल प्रतिभाओं को खोजकर उन्हें एक बड़ा मंच प्रदान करना है। इस पहल से प्रदेश के खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का एक नियमित और प्रतिष्ठित अवसर मिलेगा।
इस घोषणा के बाद खेल जगत में उत्साह का माहौल है। माना जा रहा है कि इस तरह के आयोजन से न केवल खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि राज्य में एक पेशेवर खेल संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।
खुद चैंपियन, अब खिलाड़ियों की उम्मीद
श्रेयसी सिंह खुद एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की निशानेबाज हैं और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। एक खिलाड़ी के तौर पर उनके अनुभव को देखते हुए बिहार के खेल जगत को उनसे काफी उम्मीदें हैं। उनका मानना है कि वह खिलाड़ियों की जमीनी समस्याओं और जरूरतों को बेहतर ढंग से समझ सकती हैं। उनका यह पहला फैसला दिखाता है कि वह राज्य में खेल के बुनियादी ढांचे और अवसरों को लेकर गंभीर हैं।
इस आयोजन के कई दूरगामी फायदे हो सकते हैं:
- प्रतिभा की पहचान: जमीनी स्तर से बेहतरीन खिलाड़ियों को खोजने में मदद मिलेगी।
- प्रतिस्पर्धा का माहौल: राज्य स्तर पर एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा, जिससे खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार होगा।
- राष्ट्रीय स्तर की तैयारी: यह आयोजन खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार होने का अनुभव प्रदान करेगा।
- खेल संस्कृति को बढ़ावा: राज्य में खेलों के प्रति युवाओं का रुझान बढ़ेगा और खेल एक करियर विकल्प के रूप में स्थापित होगा।
फिलहाल, इस आयोजन के प्रारूप और तारीखों को लेकर विस्तृत जानकारी आना बाकी है, लेकिन इस घोषणा ने बिहार के खेलप्रेमियों और खिलाड़ियों के बीच एक नई उम्मीद जगा दी है।







