बिहार में सियासी हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है। नई सरकार के गठन के साथ ही राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के कई कद्दावर नेताओं ने एक साथ इस्तीफा देकर उपेंद्र कुशवाहा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, जिससे बिहार की राजनीति में नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा में भगदड़
बिहार में नई सरकार के गठन के बाद राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ सहित कई प्रभारी प्रदेश अध्यक्षों ने एक साथ अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया है। इन सामूहिक इस्तीफों ने पार्टी के भीतर चल रही खींचतान को सार्वजनिक कर दिया है।
किन नेताओं ने छोड़ी पार्टी?
इस्तीफा देने वाले प्रमुख नेताओं में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ शामिल हैं। उनके साथ ही प्रभारी प्रदेश अध्यक्षों में मदन चौधरी, प्रमोद यादव और राजेश रंजन ने भी उपेंद्र कुशवाहा को अपना इस्तीफा भेजा है। इन नेताओं के अचानक पार्टी छोड़ने से राष्ट्रीय लोक मोर्चा को बड़ा झटका लगा है और आगामी राजनीतिक समीकरणों पर इसका असर दिख सकता है।
इस्तीफे की मुख्य वजहें
पार्टी छोड़ने वाले नेताओं ने अपने इस्तीफे के पीछे बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी उपेक्षा को मुख्य कारण बताया है। उनका आरोप है कि चुनाव के दौरान उन्हें दरकिनार किया गया, जिससे वे नाराज थे। इसके अलावा, शेखपुरा विधानसभा कमेटी को भंग करने के फैसले को लेकर भी नेताओं में भारी नाराजगी थी, जो सामूहिक इस्तीफे की एक बड़ी वजह मानी जा रही है। इन मुद्दों पर नेतृत्व के साथ मतभेदों के चलते नेताओं ने यह कड़ा कदम उठाया है।


