back to top
27 नवम्बर, 2025

Muzaffarpur के गायघाट में ‘नल-जल’ का महाघोटाला: बिना घेराबंदी FAIL हुई योजना, ग्रामीण आज भी 2 KM दूर से लाते हैं पानी, पढ़िए रिपोर्ट

spot_img
spot_img
- Advertisement - Advertisement

गायघाट न्यूज़: बिहार की महत्वाकांक्षी नल-जल योजना, जिसका उद्देश्य हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाना था, अब सवालों के घेरे में है। मुजफ्फरपुर के गायघाट स्थित शिवदहा वार्ड 8 में सामने आया एक ऐसा मामला, जिसने योजना के क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। करोड़ों खर्च के बाद भी यह योजना दम तोड़ चुकी है, और ग्रामीण आज भी बूंद-बूंद पानी के लिए भटक रहे हैं।

- Advertisement - Advertisement

जानकारी के अनुसार, शिवदहा वार्ड 8 में नल-जल योजना का हाल बेहाल है। यहां आश्चर्यजनक रूप से योजना के तहत लगाई गई पानी टंकी और पाइपलाइन के आसपास कोई घेराबंदी ही नहीं की गई है। सुरक्षा के अभाव में यह पूरी योजना धरातल पर आने से पहले ही फेल हो गई है। आलम यह है कि करोड़ों की लागत से तैयार हुई यह व्यवस्था आज खंडहर में तब्दील हो चुकी है और स्थानीय निवासियों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है।

- Advertisement - Advertisement
यह भी पढ़ें:  ऑपरेशन थिएटर से डॉक्टर गायब, मरीज की जान सांसत में, मुजफ्फरपुर MCH में आधी रात को मचा हड़कंप

‘अनुरक्षक’ कौन? योजना की बदहाली का जिम्मेदार कौन?

इस गंभीर अनियमितता के सामने आने के बाद पीएचईडी विभाग ने अपने स्तर पर त्वरित कार्रवाई की बात कही है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इस योजना का अनुरक्षक कौन है? जब बुनियादी संरचना ही असुरक्षित छोड़ दी गई है, तो इसे संचालित कौन करेगा? कोई ग्रामीण इस टूटी हुई व्यवस्था की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि आखिर इतना बड़ा घोटाला कैसे हुआ और इसका जवाब कौन देगा?

- Advertisement -

कागजों पर पूरी, जमीन पर अधूरी: करोड़ों हुए खर्च, फिर भी प्यासे गांव

राज्य सरकार ने ग्रामीण अंचलों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हैंडपंपों के साथ-साथ नल-जल योजना के माध्यम से हर घर नल का जल पहुंचाने की व्यवस्था की थी। इस योजना के तहत गांवों में करोड़ों रुपए खर्च कर पानी की टंकी का निर्माण किया गया, पाइपलाइन बिछाई गईं और घर-घर नल कनेक्शन भी दिए गए। लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी यह योजना धरातल पर ग्रामीणों को लाभ नहीं पहुंचा पा रही है।

यह भी पढ़ें:  Muzaffarpur की 'दूध क्रांति': घर-घर से निकलीं महिलाएं, 13 करोड़ का कारोबार खड़ा कर दिया

परिणामस्वरूप, जिन गांवों में यह सुविधा उपलब्ध होनी थी, वहां के ग्रामीण आज भी दो किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाने को मजबूर हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य ही विफल होता दिख रहा है, जिससे सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग उजागर हो रहा है।

लापरवाह अधिकारी और पंचायती राज व्यवस्था की विफलता

इस बदहाली के पीछे विभागीय अफसरों की घोर लापरवाही और ग्राम पंचायतों द्वारा समय पर रख-रखाव न करना प्रमुख कारण बताया जा रहा है। जिन स्थानों पर पाइपलाइन बिछाई गई थी, वे देखरेख के अभाव में क्षतिग्रस्त हो रही हैं, तो कई गांवों में तो ये पाइपलाइनें पूरी तरह से गायब ही हो चुकी हैं। यह स्थिति न केवल योजना के क्रियान्वयन पर, बल्कि सरकारी तंत्र की जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल उठाती है।

  • विभागीय अफसरों की लापरवाही
  • ग्राम पंचायतों द्वारा समय पर रख-रखाव का अभाव
  • क्षतिग्रस्त पाइपलाइनें
  • कई गांवों से पाइपलाइनों का गायब होना
- Advertisement -

जरूर पढ़ें

पूर्णिया के GD गोयनका पब्लिक स्कूल ने लहराया परचम, निरीक्षण टीम ने जमकर की तारीफ

पूर्णिया न्यूज़: शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करना किसी भी संस्थान के लिए...

IAS संजीव हंस के करीबी ठेकेदार रिशुश्री पर ED का शिकंजा, 9 ठिकानों पर छापेमारी में 33 लाख कैश बरामद

राजधानी पटना सहित बिहार के कई शहरों में शुक्रवार की सुबह से ही सरकारी...

रोसड़ा नगर परिषद में बड़ी कार्रवाई: कार्यपालक पदाधिकारी के ठिकानों से करोड़ों की नकदी-जेवर बरामद, मचा हड़कंप

समस्तीपुर। रोसड़ा से एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसने पूरे नगर परिषद क्षेत्र...

ऑपरेशन थिएटर में मरीज, डॉक्टर साहब घर पर! मुजफ्फरपुर MCH में जान से खिलवाड़ पर मचा बवाल

मुजफ्फरपुर न्यूज़ बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर अक्सर सवाल उठते हैं, लेकिन इस बार मुजफ्फरपुर...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें