पटना। बिहार में साइबर अपराध का बढ़ता ग्राफ अब सरकार के रडार पर है। डिजिटल युग में ठगों की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए, नीतीश सरकार ने अब एक अभूतपूर्व कदम उठाया है – जेलों से लेकर सोशल मीडिया तक, हर मोर्चे पर अब जालसाजों की निगरानी की जाएगी। सरकार के इस डिजिटल एक्शन ने साइबर फ्रॉड करने वालों की नींद उड़ा दी है, क्योंकि अब उन पर चौतरफा शिकंजा कसने की तैयारी है।
साइबर अपराध पर सरकार का डिजिटल प्रहार
हाल के दिनों में साइबर फ्रॉड के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे आम जनता को आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए, बिहार सरकार ने अब इन अपराधियों पर लगाम कसने के लिए एक व्यापक ‘डिजिटल एक्शन’ की शुरुआत की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य साइबर अपराधियों की गतिविधियों को हर स्तर पर ट्रैक करना और उन्हें कानून के दायरे में लाना है।
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि साइबर ठगी में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए अत्याधुनिक तकनीकों और विशेषज्ञ टीमों का सहारा लिया जा रहा है, ताकि डिजिटल स्पेस में होने वाले हर अपराध पर पैनी नजर रखी जा सके। इस कदम से न केवल अपराधियों पर दबाव बढ़ेगा, बल्कि साइबर सुरक्षा को लेकर जनता में भी विश्वास पैदा होगा।
जेलों से लेकर सोशल मीडिया तक निगरानी
बिहार सरकार की इस नई रणनीति की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसकी निगरानी का दायरा बेहद विस्तृत है। इसमें साइबर अपराधियों की उन गतिविधियों को भी शामिल किया गया है, जो वे जेल में रहते हुए या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अंजाम देते हैं।
- जेल के भीतर निगरानी: अक्सर यह देखा गया है कि कुछ अपराधी जेल में रहते हुए भी अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कर साइबर फ्रॉड को अंजाम देते हैं। सरकार अब ऐसे मामलों पर लगाम कसने के लिए जेलों के भीतर संचार और गतिविधियों की विशेष निगरानी कर रही है। इसमें जेल मैनुअल का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा और संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई होगी।
- सोशल मीडिया पर पैनी नजर: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म साइबर अपराधियों के लिए नए शिकार खोजने और अपनी योजनाओं को अंजाम देने का एक बड़ा माध्यम बन चुके हैं। फर्जी प्रोफाइल, फिशिंग लिंक, और आकर्षक योजनाओं के नाम पर ठगी जैसी वारदातों को रोकने के लिए, सरकार सोशल मीडिया पर लगातार निगरानी रखेगी। विशेषज्ञ टीमें विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर संदिग्ध अकाउंट्स और पोस्ट की पहचान कर उन पर कार्रवाई करेंगी।
नागरिकों की सुरक्षा प्राथमिकता
बिहार सरकार का यह ‘डिजिटल एक्शन’ नागरिकों की वित्तीय सुरक्षा और डेटा गोपनीयता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साइबर फ्रॉड से प्रभावित होने वाले लोगों को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिए भी तंत्र को मजबूत किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की सख्त और व्यापक निगरानी प्रणाली से साइबर अपराधियों के लिए अपने मंसूबों को अंजाम देना मुश्किल हो जाएगा, जिससे राज्य में साइबर अपराधों का ग्राफ नीचे आएगा। यह पहल एक सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल वातावरण बनाने में मददगार साबित होगी।







