बिरौल समाचार: बिरौल के न्यायिक परिसर में संविधान दिवस के अवसर पर एक ऐसी गूंज सुनाई दी, जिसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया। 1949 में अपनाए गए उस पवित्र दस्तावेज़ की आत्मा को फिर से जीवंत करने का यह दिन क्यों ख़ास था, और किस बड़े संदेश के साथ दिलाई गई संविधान की शपथ? आइए जानते हैं संविधान दिवस पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम का पूरा विवरण।
संविधान के प्रति जागरूकता का संदेश
संविधान दिवस के पावन अवसर पर, बिरौल के न्यायालय परिसर में एक गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, अनुमंडल विधिक सेवा समिति शिव कुमार की अध्यक्षता में संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया गया, जिसने उपस्थित सभी लोगों को भारत के मूलभूत सिद्धांतों की याद दिलाई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए न्यायाधीश शिव कुमार ने बताया कि यह पहल बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर की गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य आम लोगों को संविधान के महत्व के प्रति जागरूक करना है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 26 नवंबर 1949 को ही भारत के संविधान को अंगीकार किया गया था, और यह दिन हमें उन मूल्यों और आदर्शों को याद दिलाता है जिन पर हमारा राष्ट्र आधारित है। कार्यक्रम में विशेष रूप से संविधान की प्रस्तावना, मौलिक अधिकारों और मौलिक कर्तव्यों पर चर्चा की गई, ताकि नागरिक अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को भली-भांति समझ सकें।
मौलिक अधिकार और कर्तव्य: दिलाई गई शपथ
इस महत्वपूर्ण अवसर पर, न्यायाधीश शिव कुमार ने उपस्थित सभी लोगों को संविधान के अनुरूप चलने की शपथ दिलाई। यह शपथ केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि संविधान के प्रति निष्ठा और उसके सिद्धांतों का पालन करने की एक गंभीर प्रतिबद्धता थी। इस पहल का लक्ष्य प्रत्येक व्यक्ति को संवैधानिक मूल्यों को अपने दैनिक जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरित करना था।
प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
इस जागरूकता कार्यक्रम में कई प्रमुख न्यायिक अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम को सफल बनाने में निम्नलिखित लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई:
- अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी नरेश महतो
- एसडीजेएम सह सचिव, अनुमंडल विधिक सेवा समिति प्रियांशु राज
- सिविल जज राजू कुमार साह
- प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट पप्पू कुमार पंडित
- अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बच्चे लाल झा
- अधिवक्ता स्वतंत्र कुमार मिश्र
- अधिवक्ता नूर अली खान
- अधिवक्ता उत्तम चौपाल
इनके अतिरिक्त, सभी अधिवक्तागण, न्यायिक कर्मी और पारा विधिक स्वयंसेवक भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे, जिन्होंने संविधान के प्रति अपनी आस्था और सम्मान व्यक्त किया। यह कार्यक्रम बिरौल में संवैधानिक जागरूकता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।





