पटना न्यूज़: बिहार की सियासत में इन दिनों एक बंगले को लेकर गर्मागर्म बहस छिड़ गई है. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को पटना स्थित अपना सरकारी आवास खाली करने का नोटिस मिला है, जिसके बाद आरजेडी ने इसे सरकार की दुर्भावना बताया है. वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस मसले पर एक तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि ‘जोड़ जल जाता है ऐंठन नहीं जाता है’. आखिर क्यों ये बंगला बन गया है सियासी संग्राम का अखाड़ा?
राबड़ी देवी को मिला आवास खाली करने का निर्देश
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी को पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित अपने सरकारी आवास को खाली करने का निर्देश दिया गया है. भवन निर्माण विभाग द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, उन्हें अब 39 हार्डिंग रोड स्थित दूसरा आवास आवंटित किया गया है. इस फैसले के बाद से राज्य में राजनीतिक पारा चढ़ गया है, और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.
गिरिराज सिंह का तंज: ‘यह संवैधानिक प्रक्रिया है’
इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने एक ग्रामीण कहावत का जिक्र करते हुए कहा, ‘एक गांव की कहावत है, जोड़ जल जाता है ऐंठन नहीं जाता है.’ उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बंगला किसी व्यक्ति विशेष को मिलता है या फिर यह विधायक, सांसद, विधान परिषद के सदस्य, नेता प्रतिपक्ष, मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों को आवंटित होता है.
गिरिराज सिंह ने इस पूरी प्रक्रिया को संवैधानिक करार देते हुए कहा कि इस पर जिद करना उचित नहीं है. उनका यह बयान राबड़ी देवी को आवास खाली करने के सरकारी निर्देश को संवैधानिक दायरे में रखने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
आरजेडी का पलटवार: ‘लालू परिवार के खिलाफ दुर्भावना’
जहां एक ओर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह इसे संवैधानिक प्रक्रिया बता रहे हैं, वहीं आरजेडी इस फैसले के खिलाफ मजबूती से खड़ी है. आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने साफ शब्दों में कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आधिकारिक आवास एक अणे मार्ग के ठीक सामने स्थित 10 सर्कुलर रोड का बंगला किसी भी सूरत में खाली नहीं किया जाएगा.
मंडल ने इस फैसले को सत्तारूढ़ एनडीए की लालू प्रसाद के प्रति दुर्भावना का प्रतीक बताया है. उनका आरोप है कि यह कदम राजनीतिक द्वेष के तहत उठाया गया है. इस बीच, लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य भी सरकार के इस फैसले का विरोध कर चुकी हैं. हालांकि, सियासी सरगर्मी के बीच यह तय माना जा रहा है कि राबड़ी देवी को अंततः यह आवास खाली करना पड़ सकता है.
ममता बनर्जी पर भी बरसे गिरिराज
इसी दौरान, पत्रकारों ने गिरिराज सिंह से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान पर भी सवाल पूछा, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर बीजेपी बंगाल को टारगेट करती है तो वे देश हिला देंगी. इस पर केंद्रीय मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा, ‘एसआईआर लागू होगा. एसआईआर एक संवैधानिक व्यवस्था है, वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण होता है. इसलिए ये तो होगा.’
उन्होंने आगे कहा, ‘अगर उन्होंने मान लिया है कि बंगाल नहीं, बांग्लादेश बना दिया है और मैं (ममता बनर्जी) प्रधानमंत्री हूं, तो फिर तो पागलपन का कोई जवाब नहीं है.’ गिरिराज सिंह का यह बयान पश्चिम बंगाल की राजनीति में चल रहे विवादों पर केंद्र सरकार के रुख को दर्शाता है.







