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27 नवम्बर, 2025

IAS संजीव हंस के करीबी ठेकेदार रिशुश्री पर ED का शिकंजा, 9 ठिकानों पर छापेमारी में 33 लाख कैश बरामद

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राजधानी पटना सहित बिहार के कई शहरों में शुक्रवार की सुबह से ही सरकारी महकमों में हड़कंप मचा हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़े ठेकेदार के नौ ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। यह कार्रवाई आईएएस अधिकारी संजीव हंस के बेहद करीबी माने जाने वाले ठेकेदार रिशुश्री से जुड़ी है। ईडी की इस बड़ी रेड में 33 लाख रुपये नकद बरामद होने के साथ ही कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं, जिसके बाद राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में खलबली मच गई है। आखिर क्या है यह पूरा मामला और क्यों ईडी ने उठाया यह कदम?

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क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को बिहार में एक साथ कई जगहों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई मुख्य रूप से ठेकेदार रिशुश्री के ठिकानों पर केंद्रित थी। रिशुश्री को बिहार के एक चर्चित आईएएस अधिकारी संजीव हंस का करीबी माना जाता है। ईडी की टीमें सुबह-सुबह ही विभिन्न ठिकानों पर पहुंच गईं और तलाशी अभियान शुरू कर दिया। इस कार्रवाई ने उन तमाम अटकलों को हवा दे दी है, जिनमें अवैध लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, ईडी ने अभी तक आधिकारिक तौर पर छापेमारी के कारणों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन बरामदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

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छापेमारी में क्या मिला?

ईडी की टीमों ने ठेकेदार रिशुश्री से जुड़े कुल नौ ठिकानों पर छापा मारा। यह छापेमारी पटना के अलावा अन्य संभावित शहरों में भी की गई। छापेमारी के दौरान जो सबसे बड़ी बरामदगी हुई है, वह है भारी मात्रा में नकदी:

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  • कुल 33 लाख रुपये नकद बरामद किए गए।
  • नकदी के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण कागजात और डिजिटल साक्ष्य भी जब्त किए गए हैं।
  • इन दस्तावेजों और साक्ष्यों की जांच के बाद मामले में और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।
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ईडी के सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। बरामद नकदी और दस्तावेजों से अघोषित संपत्ति और वित्तीय अनियमितताओं के सुराग मिलने की संभावना है।

कौन हैं IAS संजीव हंस और ठेकेदार रिशुश्री?

आईएएस अधिकारी संजीव हंस बिहार कैडर के अधिकारी हैं और विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएँ दे चुके हैं। उनका नाम पहले भी कुछ मामलों को लेकर चर्चा में रहा है। वहीं, रिशुश्री एक बड़े ठेकेदार हैं, जिनका बिहार में सरकारी परियोजनाओं में अच्छा-खासा दखल माना जाता है। दोनों के बीच कथित करीबी संबंधों को लेकर पहले भी फुसफुसाहट होती रही है। ईडी की यह कार्रवाई इन संबंधों की गहराई और उनके वित्तीय पहलुओं की जांच की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। इस छापेमारी से यह संदेश गया है कि भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ जांच एजेंसियां सख्त रुख अपना रही हैं, चाहे मामला कितना भी बड़ा क्यों न हो। आगे की जांच में कई और परतें खुलने की संभावना है।

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