बिहार में इन दिनों कड़ाके की ठंड ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, जिसकी वजह से आम लोगों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के कई जिलों के लोगों को इस भीषण ठंड के मद्देनजर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है, जिसने चिंता को और बढ़ा दिया है। आखिर क्या है यह चेतावनी और क्यों जरूरी है इस पर ध्यान देना?
ठंड का प्रकोप और जनजीवन पर असर
पूरे बिहार में शीतलहर और ठिठुरन भरी ठंड ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है। सुबह और शाम के वक्त सर्द हवाएं इतनी तेज हो रही हैं कि बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे ठिठुरन बढ़ती जा रही है। इसका सीधा असर दैनिक गतिविधियों पर पड़ रहा है।
- बाजारों में भीड़ कम दिख रही है।
- स्कूलों और दफ्तरों में उपस्थिति पर भी असर पड़ा है।
- खेतिहर मजदूरों और खुले में काम करने वालों के लिए स्थिति और भी विकट हो गई है।
यह मौसम गरीबों और बेघर लोगों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है, जिन्हें ठंड से बचाव के लिए पर्याप्त साधन नहीं मिल पा रहे हैं।
IMD की विशेष चेतावनी
मौसम विज्ञान विभाग ने आने वाले दिनों में ठंड के और अधिक बढ़ने की आशंका जताई है। इसी के मद्देनजर, विभाग ने राज्य के कुछ खास जिलों के लिए ‘विशेष सावधानी’ बरतने की चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी का मतलब है कि लोगों को अत्यधिक सतर्क रहने और ठंड से बचाव के हर संभव उपाय करने की जरूरत है।
विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे:
- अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें।
- गर्म कपड़े पहनें और शरीर को पूरी तरह ढक कर रखें।
- बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि वे ठंड के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
- गरिष्ठ भोजन और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें।
- हीटर या अलाव का इस्तेमाल करते समय उचित वेंटिलेशन का ध्यान रखें ताकि कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता से बचा जा सके।
स्वास्थ्य पर ठंड का प्रभाव
भीषण ठंड का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस मौसम में सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार जैसी आम बीमारियों के साथ-साथ गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जैसे निमोनिया, अस्थमा का अटैक और हृदय संबंधी दिक्कतें भी बढ़ जाती हैं। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों और पहले से बीमार व्यक्तियों को इस दौरान अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है। अस्पतालों में ठंड से संबंधित बीमारियों के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
आगे क्या?
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक ठंड से राहत मिलने की कोई खास उम्मीद नहीं है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन को भी लोगों को ठंड से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम करने की जरूरत है, जिसमें अलाव की व्यवस्था और रैन बसेरों में उचित सुविधाएं शामिल हैं। नागरिकों को भी अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए मौसम विभाग की सलाह का गंभीरता से पालन करना चाहिए।


