नई दिल्ली:
रेलवे ने तो कह दिया था कि कोहरे से निपटने की पूरी तैयारी है, लेकिन कुदरत की मार के आगे सारे दावे फेल हो गए. पटरियों पर पसरे घने कोहरे ने ऐसा ब्रेक लगाया कि 52 ट्रेनें जहां की तहां खड़ी हो गईं. अब सवाल ये है कि जिन लाखों यात्रियों ने अपनी यात्रा की योजना बनाई थी, उनका क्या होगा?
रेलवे के सारे इंतजाम फेल, कोहरे ने लगाया ब्रेक
सर्दियों की शुरुआत होते ही उत्तर भारत के कई हिस्से घने कोहरे की चपेट में आ गए हैं, जिसका सीधा असर भारतीय रेलवे के परिचालन पर पड़ा है. स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रेलवे को एहतियातन 52 ट्रेनों को पूरी तरह से रद्द करना पड़ा है. इसके अलावा, कई अन्य ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों की देरी से चल रही हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
रेलवे प्रशासन ने कोहरे की चुनौती से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी करने का दावा किया था. पटरियों पर अधिकारियों की अतिरिक्त तैनाती से लेकर ट्रेनों में ‘फॉग सेफ डिवाइस’ लगाने तक, कई उपाय किए गए थे. लेकिन, कोहरे का घनत्व इतना ज्यादा था कि ये सभी इंतजाम नाकाफी साबित हुए. दृश्यता लगभग शून्य हो जाने के कारण, ट्रेनों को सुरक्षित रूप से चलाना असंभव हो गया, जिसके चलते अंततः ट्रेनों को रद्द करने का कठिन निर्णय लेना पड़ा.
लाखों यात्री परेशान, स्टेशनों पर अफरा-तफरी
ट्रेनों के रद्द होने और देरी से चलने का सीधा असर लगभग 45 लाख यात्रियों की यात्रा योजनाओं पर पड़ा है. देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई है और अफरा-तफरी का माहौल है. लोग अपनी यात्रा के बारे में सही जानकारी पाने के लिए पूछताछ काउंटरों पर कतारों में लगे हैं, जबकि कई यात्री अपनी टिकट कैंसिल कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
अचानक ट्रेनें रद्द होने से यात्रियों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है:
- कई लोगों की जरूरी यात्राएं और पहले से बनी योजनाएं चौपट हो गई हैं.
- स्टेशनों पर रिफंड और जानकारी के लिए लंबी कतारें लग रही हैं.
- जो ट्रेनें चल भी रही हैं, वे घंटों लेट हैं, जिससे यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर ही ठंड में रात गुजारनी पड़ रही है.
- दूसरे शहरों में काम करने वाले या छुट्टियों पर घर जाने वाले लोग बीच रास्ते में फंस गए हैं.
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि वे स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और यात्रियों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. हालांकि, मौसम के मिजाज को देखते हुए आने वाले दिनों में भी यह समस्या बनी रह सकती है. यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे घर से निकलने से पहले अपनी ट्रेन की स्थिति ऑनलाइन जरूर जांच लें.



