दरभंगा न्यूज़: दरभंगा के केवटी प्रखंड स्थित माधोपट्टी पंचायत में बुधवार को एक महत्वपूर्ण ग्रामसभा का आयोजन किया गया था. पंचायत की मुखिया रूबी कुमारी इसकी अध्यक्षता कर रही थीं, लेकिन बावजूद इसके यह बैठक अपने निर्धारित समय पर शुरू नहीं हो सकी. आखिर क्या वजह थी कि तैयारियां पूरी होने के बाद भी ग्रामसभा नहीं हो पाई?
जानकारी के अनुसार, माधोपट्टी पंचायत में बुधवार को ग्रामसभा के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं. पंचायत की मुखिया रूबी कुमारी स्वयं इसकी अध्यक्षता करने वाली थीं और ग्रामीणों को विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया था. निर्धारित समय पर जब बैठक शुरू करने का प्रयास किया गया, तो पता चला कि पर्याप्त संख्या में ग्रामीण सदस्य उपस्थित नहीं थे.
क्या है ग्रामसभा और इसका महत्व?
नियमों के अनुसार, किसी भी ग्रामसभा को विधिवत संचालित करने के लिए एक निश्चित संख्या में सदस्यों की उपस्थिति आवश्यक होती है, जिसे ‘कोरम’ कहते हैं. कोरम के अभाव में ग्रामसभा की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ाई जा सकती. माधोपट्टी पंचायत में भी कोरम पूरा न होने के कारण बुधवार को होने वाली महत्वपूर्ण चर्चाएं और निर्णय टल गए.
ग्रामसभा, पंचायती राज व्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण इकाई होती है. यह ग्रामीण स्तर पर लोकतंत्र का प्रत्यक्ष उदाहरण है, जहां सभी पंजीकृत मतदाता सीधे तौर पर विकास कार्यों की योजना बनाने और उन्हें लागू करने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं. ग्रामसभा में गांव के विकास से जुड़े बजट, योजनाओं और अन्य महत्वपूर्ण फैसलों पर चर्चा होती है और सर्वसम्मति से निर्णय लिए जाते हैं.
ऐसी स्थिति में जब कोरम पूरा न हो पाना, दिखाता है कि ग्रामीणों की भागीदारी की कमी है. इससे न सिर्फ विकास कार्यों की गति प्रभावित होती है, बल्कि गांव के सामूहिक फैसलों में भी देरी होती है. फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि अगली ग्रामसभा कब आयोजित की जाएगी. ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के लिए यह एक चुनौती है कि वे अगली बैठक में पर्याप्त संख्या में भागीदारी सुनिश्चित करें ताकि पंचायत के विकास संबंधी एजेंडे पर आगे बढ़ा जा सके.


