दरभंगा न्यूज़: शिक्षा के मंदिर से निकली बेटियों की एक टोली, बुधवार को शहर की सड़कों पर उतरी तो हर किसी की निगाहें उन पर टिक गईं। हाथों में तख्तियां और चेहरे पर दृढ़ संकल्प लिए इन छात्राओं ने एक ऐसा संदेश दिया, जो सीधे समाज के दिल में उतर गया। आखिर क्या था इनका मकसद, और कैसे किया इन युवा कंधों ने एक बड़े अभियान का शंखनाद?
दरभंगा शहर में बुधवार का दिन बेहद खास रहा, जब प्लस टू रामशृंगारी कन्या उच्च विद्यालय की छात्राओं ने मद्य निषेध और संविधान दिवस के अवसर पर एक विशाल जन जागरूकता रैली निकाली। इस रैली का मुख्य उद्देश्य समाज को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराना और लोगों को स्वस्थ व नशामुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित करना था। छात्राओं ने अपने नारों और तख्तियों के जरिए नशे के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया, जिसने राहगीरों और स्थानीय निवासियों का ध्यान अपनी ओर खींचा।
नशा मुक्ति का संदेश लेकर निकलीं छात्राएं
यह रैली शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरी, जहां छात्राओं ने जोर-शोर से नारे लगाए। “नशा छोड़ो, जीवन जोड़ो”, “स्वस्थ समाज, सशक्त बिहार” जैसे नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। इन युवा स्वयंसेवकों का जोश और उत्साह देखते ही बन रहा था। उन्होंने लोगों को बताया कि किस तरह नशा केवल व्यक्ति को ही नहीं, बल्कि उसके परिवार और पूरे समाज को तबाह कर देता है। छात्राओं ने अपील की कि हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे और नशे के खिलाफ इस लड़ाई में भागीदार बने।
संविधान और मद्य निषेध का दोहरा महत्व
यह आयोजन केवल नशा मुक्ति तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इसने संविधान दिवस के महत्व को भी रेखांकित किया। 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को अपनाया गया था, जिसके सम्मान में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर छात्राओं ने संविधान के मूल्यों, सिद्धांतों और नागरिकों के अधिकारों व कर्तव्यों का भी स्मरण किया। उन्होंने एक मजबूत, लोकतांत्रिक और नशामुक्त समाज के निर्माण के लिए संविधान की अहमियत पर जोर दिया।
इसके साथ ही, मद्य निषेध दिवस का संदेश भी इस आयोजन का अहम हिस्सा रहा। बिहार में शराबबंदी लागू है, और ऐसे में युवाओं द्वारा नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाना इस नीति को और मजबूती प्रदान करता है। छात्राओं ने आमजन से अपील की कि वे नशे से दूर रहें और अपने परिवार व समाज को इस बुराई से बचाएं। उन्होंने बताया कि किस तरह नशा करने से स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और सामाजिक प्रतिष्ठा सभी पर बुरा असर पड़ता है।
समाज में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद
विद्यालय प्रशासन ने भी छात्राओं के इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं को सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करते हैं। उन्होंने बताया कि यह रैली शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक उत्थान के लिए भी विद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। समाज में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति को रोकने के लिए जन जागरूकता बेहद जरूरी है, और इन छात्राओं ने यह साबित कर दिया कि युवा पीढ़ी इस लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा सकती है। इस रैली ने न केवल एक संदेश देने का माध्यम बनी, बल्कि इसने समाज में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद भी जगाई है।




