प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष शिव गोपाल मिश्र ने बुधवार को दरभंगा उपकारा का गहन निरीक्षण किया. यह दौरा पूर्व नियोजित नहीं था, जिसके चलते जेल अधिकारी और कर्मचारी तुरंत हरकत में आ गए. न्यायाधीश मिश्र का मुख्य उद्देश्य जेल की व्यवस्थाओं और बंदियों की स्थितियों का जायजा लेना था.
बंदियों से सीधा संवाद
अपने निरीक्षण के दौरान, न्यायाधीश शिव गोपाल मिश्र ने जेल के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया. उन्होंने बैरकों, रसोईघर और चिकित्सा कक्ष का मुआयना किया. इस दौरान उन्होंने कई बंदियों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की. उन्होंने बंदियों से उनकी समस्याओं, जेल में मिल रही सुविधाओं, भोजन की गुणवत्ता, चिकित्सा सेवाओं और उनके मुकदमों की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी ली. न्यायाधीश ने विशेष रूप से उन बंदियों से बात की जिनके मामले लंबे समय से लंबित थे या जिन्हें कानूनी सहायता की आवश्यकता थी.
जेल निरीक्षण का यह कदम जिला विधिक सेवा प्राधिकार की नियमित गतिविधियों का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि बंदियों के मानवाधिकारों का सम्मान हो और उन्हें उचित कानूनी सहायता मिल सके. न्यायाधीश ने बंदियों को आश्वस्त किया कि उनकी जायज शिकायतों और समस्याओं को संबंधित अधिकारियों तक पहुँचाया जाएगा और उनके समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
जेल प्रशासन को आवश्यक निर्देश
निरीक्षण के बाद, प्रधान जिला न्यायाधीश ने जेल प्रशासन के अधिकारियों के साथ भी बैठक की. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जेल के अंदर स्वच्छता, सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने पर विशेष ध्यान दें. इसके साथ ही, बंदियों के स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता देने, उन्हें पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने और समय पर चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करने पर जोर दिया गया. न्यायाधीश ने यह भी कहा कि बंदियों को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए और जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से उन्हें मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाए.
इस औचक निरीक्षण से जहाँ एक ओर जेल प्रशासन पर बेहतर व्यवस्था बनाए रखने का दबाव बढ़ा है, वहीं दूसरी ओर बंदियों में भी यह विश्वास पैदा हुआ है कि उनकी आवाज़ सुनी जा रही है. ऐसे निरीक्षण न्याय व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.




