पटना:
बिहार में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की सरकारी कवायद के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. क्या आपने कभी सोचा है कि एक सरकारी योजना के तहत करोड़ों महिलाओं के खाते में सीधे पैसे भेजे जा सकते हैं? बिहार में ऐसा हो रहा है और अब 10 लाख और महिलाओं की बारी है, जिनके खाते में जल्द ही 10-10 हजार रुपये आने वाले हैं.
दरअसल, बिहार सरकार अपनी महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ के तहत प्रदेश की 10 लाख और महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये की राशि भेजने जा रही है. जानकारी के मुताबिक, यह राशि इसी महीने की 28 तारीख को सीधे लाभार्थियों के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना है.
अब तक 1.40 करोड़ महिलाओं को मिला लाभ
यह योजना बहुत बड़े पैमाने पर चलाई जा रही है और इसका लाभ प्रदेश की करोड़ों महिलाओं तक पहुंच चुका है. सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो, अब तक 1.40 करोड़ महिलाओं के खाते में सफलतापूर्वक 10-10 हजार रुपये की राशि भेजी जा चुकी है. सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी पात्र लाभार्थी इस योजना के लाभ से वंचित न रहे, और इसी क्रम में बाकी बची हुई महिलाओं को भी जल्द से जल्द यह राशि उपलब्ध कराने की तैयारी है.
क्यों दिए जा रहे हैं ये पैसे?
‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ सिर्फ एक आर्थिक सहायता योजना नहीं है, बल्कि इसका लक्ष्य महिलाओं के बीच उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देना है. इस राशि का उपयोग महिलाएं छोटे-मोटे व्यवसाय शुरू करने, अपनी आजीविका चलाने या अपने मौजूदा काम को और बेहतर बनाने के लिए कर सकती हैं. यह कदम उन्हें परिवार में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है.
जिन्हें मिला पैसा, उनके रोजगार का हो रहा मूल्यांकन
सरकार केवल पैसा देकर ही अपनी जिम्मेदारी खत्म नहीं कर रही है, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर रही है कि योजना का जमीनी स्तर पर उद्देश्य पूरा हो. जिन महिलाओं को पहले ही इस योजना के तहत राशि मिल चुकी है, उनके रोजगार की स्थिति का मूल्यांकन भी शुरू कर दिया गया है. इस मूल्यांकन का मकसद यह जानना है कि:
- कितनी महिलाओं ने इस पैसे का उपयोग रोजगार शुरू करने में किया.
- उन्हें किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
- भविष्य में इस योजना को और कितना प्रभावी बनाया जा सकता है.
यह दोतरफा रणनीति दर्शाती है कि सरकार न केवल नई लाभार्थियों को पैसा दे रही है, बल्कि पुराने लाभार्थियों के जीवन पर इसके प्रभाव का आकलन भी कर रही है ताकि योजना को और बेहतर बनाया जा सके.




