पटना न्यूज़: बिहार की सियासत में एक बार फिर भूचाल आ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को सरकारी बंगला खाली करने के नोटिस ने अचानक सियासी पारा चढ़ा दिया है। क्या यह सिर्फ एक प्रशासनिक फैसला है या इसके पीछे बदले की राजनीति की बू आ रही है? इस सवाल पर अब एक सांसद ने सरकार पर तीखा हमला बोला है, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में गरमागरमी बढ़ गई है।
सरकारी बंगले पर सियासत तेज
हाल ही में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की वरिष्ठ नेता राबड़ी देवी को एक मौजूदा सरकारी बंगला खाली कर दूसरे आवास में शिफ्ट होने का नोटिस मिला है। इस प्रशासनिक कार्रवाई ने राज्य की राजनीति में अचानक गरमाहट ला दी है। इस मामले पर अब एक निर्दलीय सांसद ने सरकार पर सीधा हमला बोला है, जिसने इस मुद्दे को और भी तूल दे दिया है।
पप्पू यादव का सरकार पर सीधा हमला: ‘हिटलरशाही’
स्वतंत्र सांसद पप्पू यादव ने राबड़ी देवी को मिले नोटिस को लेकर सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे ‘हिटलरशाही’ करार दिया और कहा कि यह केवल एक पूर्व मुख्यमंत्री के आवास बदलने का मामला नहीं है, बल्कि बिहार में सरकारी कार्रवाई की दिशा और नीयत पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है।
मीडिया से बातचीत करते हुए पप्पू यादव ने बिहार में हो रही कई अन्य कार्रवाइयों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि:
- राज्य में लगातार गरीबों के घर तोड़े जा रहे हैं।
- छोटे दुकानदारों को बेवजह परेशान किया जा रहा है।
- यह किस तरह का ‘हिटलर-स्टाइल’ शासन है?
- क्या यह सब बदले की राजनीति के तहत किया जा रहा है?
प्रशासन पर भय का माहौल बनाने का आरोप
सांसद पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि राज्य की मौजूदा प्रशासन व्यवस्था भय और दबाव का वातावरण बना रही है। उनके अनुसार, पिछले कुछ महीनों में कई गरीब परिवारों के आशियाने बिना किसी मानवीय संवेदना के धराशायी कर दिए गए। यादव ने आशंका जताई कि आज राबड़ी देवी को बंगला खाली करने का नोटिस मिला है, कल किसी और बड़े नेता या आम आदमी को भी ऐसी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने इसे केवल एक व्यक्ति का मामला न मानकर, पूरे सिस्टम की सोच का प्रतिबिंब बताया।
पारदर्शिता की मांग और जवाबदेही पर सवाल
पप्पू यादव ने स्पष्ट किया कि वह इस मुद्दे को केवल राजनीतिक चश्मे से नहीं देख रहे हैं, बल्कि इसे आम जनता के अधिकारों पर हमला मानते हैं। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन किसी भी कारण से निवास आवंटन में बदलाव करता है, तो पूरी प्रक्रिया पारदर्शी, न्यायपूर्ण और बिना किसी प्रतिशोध की भावना के होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को डराकर या प्रताड़ित कर शासन नहीं चलाया जा सकता। सांसद ने आगे कहा कि लोकतंत्र में सरकार की जवाबदेही जनता के प्रति होती है, न कि विरोधियों को दबाने के लिए शक्ति का दुरुपयोग करने की।
विपक्ष को कमजोर करने की कोशिश?
सांसद पप्पू यादव ने आगे कहा कि बिहार में इस तरह की कार्रवाइयां एक खतरनाक परंपरा का संकेत हैं, जहां सत्ता का इस्तेमाल विपक्ष को कमजोर करने या राजनीतिक संदेश देने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि राबड़ी देवी को आवास परिवर्तन नोटिस देने के पीछे की वास्तविक वजहों को सार्वजनिक किया जाए। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया जाए कि क्या राज्य में आवास आवंटन से जुड़े नियमों का पूरी तरह से पालन हो रहा है या नहीं।
पप्पू यादव ने यह भी घोषणा की कि वह इस गंभीर मुद्दे को संसद में जोरदार तरीके से उठाएंगे। राबड़ी देवी को बंगला बदलने का आदेश अभी भी राजनीतिक चर्चा का केंद्र बना हुआ है, और पप्पू यादव के कड़े बयानों के बाद इस मुद्दे के और भी तूल पकड़ने की संभावना है, जिससे बिहार की सियासत में नई हलचल तेज हो गई है।







