पटना न्यूज़
बिहार में माफिया राज की जड़ें खोदने की सबसे बड़ी तैयारी शुरू हो चुकी है. एक-दो नहीं, बल्कि सैकड़ों माफियाओं की लिस्ट बन रही है और उनकी काली कमाई से खड़ी की गई सल्तनत ढहने वाली है. जानिए कौन हैं ये लोग और कैसे सरकार इनकी कमर तोड़ने जा रही है.
बिहार में संगठित अपराध और माफिया तंत्र पर अब तक का सबसे बड़ा प्रहार होने वाला है. राज्य सरकार ने ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर ली है जो गैर-कानूनी तरीकों से अकूत संपत्ति बना चुके हैं. पुलिस महानिदेशक (DGP) ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार और पुलिस मुख्यालय मिलकर माफियाओं की आर्थिक कमर तोड़ने के लिए एक बड़ी कार्ययोजना पर काम कर रहे हैं.
1200 से ज़्यादा माफियाओं की बन रही सूची
डीजीपी के अनुसार, राज्य में सक्रिय अपराधियों और माफियाओं पर नकेल कसने के लिए 1208 लोगों की एक विस्तृत सूची तैयार की जा रही है. इस सूची में मुख्य रूप से ऐसे लोगों को शामिल किया गया है जो संगठित अपराध में लिप्त हैं. इनमें शामिल हैं:
- भू-माफिया (जमीन का अवैध कारोबार करने वाले)
- बालू माफिया (अवैध खनन और तस्करी करने वाले)
- अन्य बड़े और पेशेवर अपराधी
यह सूची तैयार होने के बाद इन सभी लोगों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा, जिसका अंतिम लक्ष्य इनकी अवैध संपत्ति को जब्त करना है.
400 लोगों की पहली सूची कोर्ट को सौंपी गई
यह कार्रवाई का पहला चरण नहीं है. इससे पहले भी सरकार ने 400 ऐसे ही माफियाओं की एक सूची तैयार कर न्यायालय को सौंप दी है. इन 400 लोगों की संपत्ति जब्त करने के लिए कानूनी प्रक्रिया पहले से ही चल रही है. अब 1208 लोगों की नई सूची के साथ इस अभियान को और भी व्यापक रूप दिया जा रहा है, ताकि अपराध की दुनिया पर चौतरफा हमला किया जा सके.
न्यायालय के आदेश पर होगी कार्रवाई
पुलिस मुख्यालय पूरी पारदर्शिता के साथ इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है. डीजीपी ने स्पष्ट किया कि 1208 लोगों की सूची से जुड़े सभी आवश्यक कागजात और सबूत जुटाए जा रहे हैं. इन सभी दस्तावेजों को पूरी तैयारी के साथ न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. जैसे ही न्यायालय की अनुमति मिलेगी और आदेश पारित होगा, इन सभी माफियाओं की संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई तुरंत शुरू कर दी जाएगी. सरकार का मकसद साफ़ है – अपराध और अपराधियों को आर्थिक रूप से पंगु बनाना.





