पटना से बड़ी खबर! सरकारी दफ्तरों में काम कराने वालों के लिए एक नई उम्मीद जगी है। अब अंचल कार्यालयों में राजस्व से जुड़े कामों के लिए आपको भटकना नहीं पड़ेगा, क्योंकि ‘ये’ लोग आपकी मदद के लिए तैयार हो रहे हैं। जानिए क्या है पूरी योजना और कैसे होगा इसका फायदा…
बिहार में अंचल कार्यालयों की कार्यप्रणाली को और अधिक सुगम तथा नागरिक-केंद्रित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अब गांव स्तर के उद्यमी (VLE) इन कार्यालयों में राजस्व विभाग के ‘हेल्प डेस्क’ के रूप में अपनी सेवाएं देंगे। इस पहल का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को राजस्व संबंधी सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करना और विभागीय कार्यों में पारदर्शिता लाना है। हाल ही में इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए VLEs के छठे बैच का आवासीय प्रशिक्षण शुरू हो गया है, जो उन्हें उनकी नई जिम्मेदारियों के लिए तैयार करेगा।
अंचल कार्यालयों में VLE की भूमिका
राजस्व विभाग की इस नई व्यवस्था के तहत VLEs अंचल कार्यालयों में फ्रंटलाइन सपोर्ट प्रदान करेंगे। ये उद्यमी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) योजना का अभिन्न अंग हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं को पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हेल्प डेस्क पर बैठकर, VLEs नागरिकों को भूमि रिकॉर्ड, लगान भुगतान, दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) और अन्य राजस्व संबंधी आवेदनों को भरने तथा प्रक्रिया को समझने में सहायता करेंगे। इससे विशेष रूप से उन लोगों को बहुत मदद मिलेगी, जिन्हें डिजिटल प्रक्रियाओं की जानकारी कम है या जो कागजी कार्रवाई में उलझ जाते हैं।
प्रशिक्षण का महत्व और उद्देश्य
VLEs के छठे बैच के लिए शुरू किया गया आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्हें राजस्व विभाग के विभिन्न पहलुओं, नियमों और प्रक्रियाओं की गहन जानकारी प्रदान करेगा। इस प्रशिक्षण में उन्हें सॉफ्टवेयर का उपयोग करने, नागरिकों के सवालों का जवाब देने और विभिन्न राजस्व सेवाओं से संबंधित दस्तावेजों को सही ढंग से जांचने व अपलोड करने जैसे कौशल सिखाए जाएंगे। प्रशिक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि VLEs अपनी भूमिका को कुशलतापूर्वक निभा सकें और अंचल कार्यालयों में आने वाले नागरिकों को सटीक और प्रभावी सहायता प्रदान कर सकें। यह पहल डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य सरकारी सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है।
नागरिकों को मिलेगा सीधा लाभ
इस नई व्यवस्था से बिहार के लाखों नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा। अब उन्हें राजस्व संबंधी कार्यों के लिए एजेंट्स पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और वे सीधे प्रशिक्षित VLEs से मदद ले सकेंगे। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि अनावश्यक खर्चों से भी बचा जा सकेगा। VLEs की मदद से राजस्व संबंधी आवेदनों की प्रक्रिया तेज होगी, जिससे लंबित मामलों की संख्या में कमी आने और सरकारी कामकाज में जवाबदेही बढ़ने की उम्मीद है। यह कदम राज्य में सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति मानी जा रही है।







