दरभंगा न्यूज़: सीएम साइंस कॉलेज के अकादमिक गलियारों में एक नई अलख जगने वाली है। विज्ञान के छात्रों और शिक्षकों के लिए अब हर महीने ज्ञान की नई यात्रा शुरू होगी, जो उन्हें गहरे विषयों से रूबरू कराएगी। आखिर क्या है यह अनोखी पहल और कब से होगा इसका शुभारंभ?
दरभंगा स्थित प्रतिष्ठित सीएम साइंस कॉलेज का पीजी भौतिकी विभाग अगले महीने से एक मासिक व्याख्यान शृंखला का आयोजन करेगा। ‘डॉ. सी. वी. रमन व्याख्यान शृंखला’ नाम से आयोजित होने वाली इस पहल का मुख्य उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों के बीच विषय-केंद्रित ज्ञान को बढ़ावा देना है। यह महत्वपूर्ण निर्णय गुरुवार को प्रधानाचार्य प्रो. संजीव कुमार मिश्र की अध्यक्षता में भौतिकी विभाग के शिक्षकों की एक बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया।
कब और कहां होगा शुभारम्भ?
इस प्रतिष्ठित व्याख्यान शृंखला का शुभारम्भ 15 दिसंबर 2025 को दोपहर दो बजे महाविद्यालय के स्नातकोत्तर रसायन विभाग स्थित डॉ. नीलाम्बर चौधरी सभागार में होगा। यह आयोजन छात्रों को वैज्ञानिक अवधारणाओं से जोड़ने और उन्हें अनुसंधान के लिए प्रेरित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
व्याख्यान शृंखला की पहली कड़ी में ‘इलुमिनेटिंग दि फ्यूचरः एडवांसेज इन लाइटिंग टेक्नोलाजी’ विषय पर भौतिकी विभाग की ही शिक्षिका डॉ. सुमनदीप कौर अपना व्याख्यान देंगी। उनका यह संबोधन प्रकाश प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति और भविष्य की संभावनाओं पर केंद्रित होगा।
ज्ञान के विकास का महत्वपूर्ण माध्यम
इस अवसर पर प्रधानाचार्य प्रो. संजीव कुमार मिश्र ने भौतिकी विभाग के इस प्रस्ताव पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह व्याख्यान शृंखला न केवल छात्र-छात्राओं के लिए, बल्कि शिक्षकों के लिए भी विषय केंद्रित ज्ञान के विकास का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा। यह छात्रों को सक्रिय रूप से सोचने, प्रश्न पूछने और किसी भी विषय की गहरी समझ विकसित करने के लिए सहज ही प्रोत्साहित करेगा।
प्रो. मिश्र ने आगे बताया कि यह शृंखला छात्रों एवं शिक्षकों के बीच सहयोगात्मक शिक्षा को बढ़ावा देगी, जिससे वे एक-दूसरे के विचारों से आसानी से सीख सकेंगे। उनका मानना है कि ऐसे अकादमिक आयोजन ज्ञान के क्षितिज को व्यापक बनाते हैं और सीखने की प्रक्रिया को अधिक गतिशील बनाते हैं।
बैठक में ये रहे उपस्थित
इस महत्वपूर्ण बैठक में भौतिकी विभाग के कई शिक्षक उपस्थित रहे, जिनमें डॉ. सुजीत कुमार चौधरी, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. सुमनदीप कौर, डॉ. रवि रंजन, डॉ. अशुतोष कुमार सिंह और डॉ. स्वर्णा श्रेया प्रमुख रूप से शामिल थे।







