नालंदा: भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल बजाते हुए विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने जिले में दो बड़ी कार्रवाई कर हड़कंप मचा दिया है। एक तरफ सरकारी काम के बदले महज 4000 रुपये की घूस लेते एक राजस्व कर्मचारी रंगे हाथ दबोचा गया, वहीं दूसरी ओर एक कार्यपालक पदाधिकारी पर करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति अर्जित करने का गंभीर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है। आखिर क्या है विजिलेंस की इस दोहरी कार्रवाई का पूरा सच, और कौन हैं ये अधिकारी जिन पर गिरी है गाज?
विजिलेंस अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने गुरुवार को नालंदा जिले में एक राजस्व कर्मचारी को 4000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई उस वक्त की गई जब राजस्व कर्मचारी एक सरकारी काम के लिए रिश्वत की मांग कर रहा था। विजिलेंस की टीम ने पुख्ता जानकारी मिलने के बाद जाल बिछाया और आरोपी को रंगे हाथों पकड़ लिया।
रिश्वतखोर राजस्व कर्मचारी रंगे हाथों गिरफ्तार
बताया जा रहा है कि आरोपी राजस्व कर्मचारी किसी व्यक्ति से एक खास काम के एवज में घूस की मांग कर रहा था। शिकायतकर्ता ने इसकी जानकारी विजिलेंस ब्यूरो को दी, जिसके बाद एक टीम का गठन किया गया। योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाकर जैसे ही राजस्व कर्मचारी ने रिश्वत की राशि ली, विजिलेंस टीम ने उसे मौके पर ही दबोच लिया। गिरफ्तारी के बाद कर्मचारी से गहन पूछताछ की जा रही है और उसे आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए पटना ले जाया गया है। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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इसी क्रम में विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए एक कार्यपालक पदाधिकारी के खिलाफ करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस पदाधिकारी ने अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति जमा की है, जिसकी कीमत करोड़ों में है।
कार्यपालक पदाधिकारी पर करोड़ों की अवैध संपत्ति का मुकदमा
विजिलेंस ब्यूरो के अनुसार, कार्यपालक पदाधिकारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में सबूत जुटाए गए थे। इन सबूतों के आधार पर विस्तृत जांच के बाद उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस कार्रवाई से सरकारी महकमों में हड़कंप मच गया है और यह संदेश गया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह छोटी राशि की घूस लेता हो या करोड़ों की अवैध संपत्ति का मालिक हो। विजिलेंस ब्यूरो ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुहिम जारी रहेगी।







