मधुबनी। 1 दिसंबर, 2025. यह तारीख जिला 271 के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ गई. 53वें स्थापना दिवस का यह अवसर सिर्फ जश्न का नहीं था, बल्कि उन महान आत्माओं को याद करने का भी था, जिनकी विरासत आज भी समाज को दिशा देती है. इस खास दिन की शुरुआत एक ऐसी परंपरा से हुई, जिसने शहर के अतीत और भविष्य के बीच एक गहरा पुल बनाया.
जिला 271 ने अपना 53वां स्थापना दिवस पूरी श्रद्धा और गरिमा के साथ मनाया. इस विशेष अवसर पर, जिले के विभिन्न स्थानों पर स्थापित उन महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिनके योगदान ने देश और समाज को एक नई दिशा दी. यह आयोजन भावी पीढ़ी को इन प्रेरणादायी व्यक्तित्वों के आदर्शों और बलिदान से परिचित कराने का एक प्रयास था.
महापुरुषों की मूर्तियों पर माल्यार्पण
स्थापना दिवस के मुख्य कार्यक्रम के तहत, सर्वप्रथम रेलवे स्टेशन स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. गांधी जी के सिद्धांतों को याद करते हुए अधिकारियों ने उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की. इसके पश्चात्, थाना चौक पर मिथिला के अमर कवि कोकिल विद्यापति जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई. विद्यापति जी की रचनाएं आज भी लाखों लोगों के हृदय में जीवित हैं और उनकी साहित्यिक विरासत को सम्मान दिया गया. अंत में, भारतीय संविधान के जनक बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. बाबा साहेब का संघर्ष और उनका संविधान निर्माण में योगदान अद्वितीय है, जिसे इस अवसर पर स्मरण किया गया.
पदाधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस गरिमामय माल्यार्पण कार्यक्रम में जिले के कई वरीय पदाधिकारी और समाज के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे. उप विकास आयुक्त (डीडीसी) सुमन प्रसाद साह ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया. उनके साथ अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) चंदन कुमार झा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी (डीपीआरओ) परिमल कुमार, वरीय कोषागार पदाधिकारी कन्हैया लाल गोस्वामी, अपर समाहर्ता (एडीसी) आलोक कुमार और खेल पदाधिकारी नीतीश कुमार सहित अन्य कई अधिकारी मौजूद थे. इन अधिकारियों के अतिरिक्त, विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और स्थानीय समाजसेवियों ने भी इन महापुरुषों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए, जिससे कार्यक्रम की गरिमा और बढ़ गई.
यह आयोजन सिर्फ एक औपचारिकता नहीं था, बल्कि यह संदेश था कि एक जिला अपने विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए भी अपनी जड़ों और अपने आदर्शों को कभी नहीं भूलता. 53वां स्थापना दिवस जिला 271 के लिए एक अवसर था, जब उसने अपने गौरवशाली अतीत को याद करते हुए भविष्य के लिए नई प्रेरणा ग्रहण की.








