बिहार की सियासत में इन दिनों गजब का उबाल है। नई एनडीए सरकार के शपथग्रहण के साथ ही विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी शुरू हो चुका है, लेकिन असली चर्चा सत्र से बाहर चल रही है। सत्ता पक्ष के नेताओं ने विपक्ष के ‘महागठबंधन’ में ‘महाटूट’ की भविष्यवाणी कर दी है, जिसके बाद बिहार का सियासी पारा अचानक चढ़ गया है।
एनडीए के नेताओं का ‘टूट’ का दावा
बिहार में एनडीए की नई सरकार बनने के बाद विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज (सोमवार) से पांच दिनों के लिए शुरू हो गया है। इसी बीच, सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं ने विपक्ष के महागठबंधन में बड़ी टूट के दावे किए हैं। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान से लेकर भाजपा विधायक प्रमोद कुमार तक ने इन चौंकाने वाले दावों से सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।
भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री प्रमोद कुमार ने सोमवार को विधानसभा पहुंचने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि महागठबंधन में ‘महाटूट’ होगी। उन्होंने भविष्यवाणी की कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के आधे विधायक पाला बदल लेंगे। इसके साथ ही, उन्होंने कांग्रेस और एआईएमआईएम में भी टूट की संभावना जताई। प्रमोद कुमार ने महागठबंधन को ‘डूबता जहाज’ करार दिया और कहा कि वहां कोई नहीं रहना चाहता। उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन के विधायकों को एनडीए के जिन दलों में जाने का मन होगा, वे उसमें शामिल हो सकेंगे।
चिराग पासवान ने भी दिए संकेत
उधर, बीते रविवार को केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी मीडिया से बातचीत में विपक्ष के विधायकों में असंतोष का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि एनडीए अपने आप में मजबूत है और 200 से अधिक सीटों के साथ हमारा गठबंधन अटूट है। विपक्ष के विधायकों को लेकर उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं कई ऐसे विधायक हैं जिनको इस बात का एहसास है कि एनडीए के साथ जुड़कर ही वे अपनी सोच या बिहार के विकास को, या अपने क्षेत्र के विकास को गति दे पाएंगे।”
चिराग पासवान ने आगे कहा कि ऐसे कई विधायक गाहे-बगाहे हम लोगों के संपर्क में हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व के साथ जुड़ना चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि “कब कौन किसके साथ जुड़ रहा है,” लेकिन इशारों-इशारों में कहा कि “विपक्ष जिस तरीके से पूरी तरह से धराशायी हो चुका है, मुझे नहीं लगता है कि इस डूबती नाव में कोई और अब रहना चाहेगा।”
महागठबंधन ने दावों को किया खारिज
एनडीए नेताओं के इन दावों पर महागठबंधन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के विधायक कमरुल होदा ने इन दावों को पूरी तरह से भ्रामक और निराधार बताया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पूरी तरह से एकजुट है। कांग्रेस के सभी छह विधायक साथ हैं। कोई टूट नहीं होगी।”
होदा ने यह भी स्पष्ट किया कि वे न तो एनडीए के संपर्क में हैं और न ही एनडीए ने उनसे कोई संपर्क साधा है। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि “पांच साल महागठबंधन बिहार में एकजुट रहेगा।” कमरुल होदा ने तंज कसते हुए यह भी कहा कि “बीजेपी के पास इतना पैसा नहीं कि वह कांग्रेस को खरीद ले।” इन बयानों से बिहार की राजनीतिक गर्मी और बढ़ गई है, और आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि ये दावे कितने सच साबित होते हैं।








